न्यायलय की अवहेलना करके कर रहे थे अवैध निर्माण, SO ने सिखाया कानून का पाठ
नाराहट: अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर एस ओ नाराहट ने तत्वरित कार्यवाही करते हुए, न केवल अवैध निर्माण रुकवाया बल्कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गलत काम कर रहे लोगो को कानून का पालन करने का पाठ भी सिखाया। प्रार्थी केतन दुबे ने नाराहट थाने में सिकायत दर्ज कराई की विपक्षी शिवचरण तनय बसोरे उसकी आराजी पर अवैध निर्माण कर रहा है, जबकि उक्त आराजी और उस से लगी हुई आराजी का मामला न्यायालय चकबंदी अधिकारी व न्यायालय श्रीमान सिविल जज जूनियर डिवीज़न मेहरोनी में विचाराधीन है। इसपर एस.ओ नाराहट आनंद कुमार पण्डे ने दल बल के साथ मौके पर पहुचकर निर्माण कार्य रुकवाया और न्यायालय की अनुमति के बिना काम न शुरू करने की हिदायत दी।
पूर्व में नपाई की प्रक्रिया की गई थी जो नक्शों में त्रुटी होने की वजह से पूर्ण नही हो पाई थी। प्रार्थी की आराजी संख्या 1897 से लगी हुई आराजी संख्या 1526/2 विपक्षी दिनेश सोनी तनय लक्ष्मी नारायण सोनी की है I प्रार्थी ने थाना दिवस में आवेदन प्रस्तुत किया और कानूनगो अभय प्रताप सिंह के नेत्रित्व में राजस्व टीम ने 7 नवम्बर 2019 को नपवाई की प्रक्रिया की, जो अधूरी रह गई क्यूंकि जो चकबंदी सर्वे के नक़्शे टीम के पास थे वे त्रुटिपूर्ण थे और बंदोबस्ती नक़्शे से काफी भिन्न थे I इसपर आपसी सहमति से नक़्शे को दुरुस्त करवाने की बात हुई। इसी क्रम में प्रार्थी ने न्यायालय चकबंदी अधिकारी अंतिम अभिलेख में नक्शा त्रुटि सुधार हेतु वाद TB-01/COFR II दाखिल किया, जिसके उपरांत दोनों पार्टियों पूर्व में कई गई शिकायतो के मद्देनजर 21.12.2019 को समाधान दिवस थाना नाराहट में समझौता किया कि जब तक न्यायिक प्रक्रिया पूर्ण नही हो जाती विवादित अराजियो पर कोई निर्माण नही होगा और यथास्थिति बनी रहेगी। पूर्व की सभी जानकारी होने के बाबजूद शिवचरण तनय बसोरे निवासी नाराहट ने विवादित आराजी 1526/2 में एक प्लाट क्रय कर लिया। जिसपर प्रार्थी ने न्यायालय श्रीमान सिविल जज जूनियर डिवीज़न महोदय महरौनी में बैनामा निरस्तीकरण का वाद 132/19 दायर किया, जिसकी न्यायिक प्रकिया जारी है। बावजूद इन सब के शिवचरण तनय बसोरे हर बार मौके का कोई न कोई लाभ लेकर निर्माण कार्य प्रारंभ कर देता है। पूर्व में भी उसे थाना नाराहट से कई दफा चेतावनी दी जा चुकी है, लेकिन आज भी दिनांक 15 अगस्त 2020 को शिवचरण अपने दबंग साथियों के साथ मिलकर निर्माण कर रहा था। लेकिन इस बार मामला एस.ओ आनंद कुमार पण्डे के हाथ में था। उन्होंने बारीकी से पुरे मामले को समझकर दोनों पक्षों को सामने बुलाकर मामले का निस्तारण किया। उन्होंने कहा की न्यायलय सर्वोपरि है, और उसकी अवमानना कतई बर्दाश्त नही की जाएगी। अवैध निर्माण करने वालो को सख्त हिदायत देते हुए उन्होंने कहा की जब तक न्यायलय का फैसला नही आ जाता कोई निर्माण कार्य नही करें अथवा कड़ी कार्यवाही के लिए तैयार रहे उन्होंने दोनों पक्षों के सामने मौके की फोटोग्राफी करा ली है ताकि भविष्य में यदि कोई निर्माण होता है तो सनद रहे। फ़ोटो के माध्यम से पूर्व और वर्तमान की स्थिति में हुए परिवर्तन को साफ़ देखा जा सकता है।
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