घटना बिसंडा थाना क्षेत्र के पवई गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे निर्माण कर रही कार्यदाई संस्था यूपीडा से निर्धारित कंपनियां और ठेकेदारों की लापरवाही से दो बालकों की जान चली गई। एक्सप्रेस-वे के लिए खोदी गई मिट्टी के गहरे गड्ढों में भरे पानी से बच्चों की डूबकर मौत हो गई। दोनों बच्चे अपने मवेशी चराने गए थे तभी यह हादसा हुआ।
यहां निर्माणाधीन बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए कार्यदाई संस्था यूपीडा यूपीडा से निर्धारित कंपनियों ने खेतों से भारी मात्रा में मिट्टी निकाली है। खुदाई से कई-कई मीटर गहरे और लंबे-चौड़े गड्ढे बन गए हैं। भरपूर हुई बारिश से यह लबालब भरे हुए हैं।
मंगलवार को सुबह पवई गांव के श्याम सिंह का 11 वर्षीय पुत्र शिवम और इसी गांव के प्रमोद विश्वकर्मा का आठ वर्षीय पुत्र छोटू एक साथ घर की भैंस चराने गए थे। निर्माणाधीन बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के बगल में गड्ढों में गहरा पानी भरा है। ग्रामीणों के मुताबिक, पैर फिसलने से दोनों बच्चे गहरे पानी के गड्ढे में जा गिरे और डूब गए।
कुछ ही देर बाद एक्सप्रेस-वे निर्माण में लगे मजदूरों की नजर पड़ी तो वह दौड़े और दोनों को पानी से बाहर निकाला लेकिन तब तक उनकी मौत हो गई थी। दोनों को बिसंडा पीएचसी लाया गया। यहां डाक्टरों ने दोनों की मौत की पुष्टि कर दी। पुलिस ने दोनों शवों का पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एक साथ दो मासूमों की मौत से पवई गांव में जहां परिजनों में मातम छा गया वहीं गांव में भी शोक व्याप्त रहा। साथ ही ग्रामीणों में एक्सप्रेस-वे में खोदे गए इन गड्ढों को लेकर रोष है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में आसपास के खेतों से की जा रही बड़े पैमाने पर मिट्टी की खुदाई को लेकर स्वयंसेवियों ने सवाल उठाए हैं। खनिज विभाग का कहना है कि बांदा जनपद में मिट्टी खनन के लिए किसी फर्म, एजेंसी या कंपनी को पट्टा नहीं दिया गया है।
यहां निर्माणाधीन बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए कार्यदाई संस्था यूपीडा यूपीडा से निर्धारित कंपनियों ने खेतों से भारी मात्रा में मिट्टी निकाली है। खुदाई से कई-कई मीटर गहरे और लंबे-चौड़े गड्ढे बन गए हैं। भरपूर हुई बारिश से यह लबालब भरे हुए हैं।
मंगलवार को सुबह पवई गांव के श्याम सिंह का 11 वर्षीय पुत्र शिवम और इसी गांव के प्रमोद विश्वकर्मा का आठ वर्षीय पुत्र छोटू एक साथ घर की भैंस चराने गए थे। निर्माणाधीन बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के बगल में गड्ढों में गहरा पानी भरा है। ग्रामीणों के मुताबिक, पैर फिसलने से दोनों बच्चे गहरे पानी के गड्ढे में जा गिरे और डूब गए।
कुछ ही देर बाद एक्सप्रेस-वे निर्माण में लगे मजदूरों की नजर पड़ी तो वह दौड़े और दोनों को पानी से बाहर निकाला लेकिन तब तक उनकी मौत हो गई थी। दोनों को बिसंडा पीएचसी लाया गया। यहां डाक्टरों ने दोनों की मौत की पुष्टि कर दी। पुलिस ने दोनों शवों का पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एक साथ दो मासूमों की मौत से पवई गांव में जहां परिजनों में मातम छा गया वहीं गांव में भी शोक व्याप्त रहा। साथ ही ग्रामीणों में एक्सप्रेस-वे में खोदे गए इन गड्ढों को लेकर रोष है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में आसपास के खेतों से की जा रही बड़े पैमाने पर मिट्टी की खुदाई को लेकर स्वयंसेवियों ने सवाल उठाए हैं। खनिज विभाग का कहना है कि बांदा जनपद में मिट्टी खनन के लिए किसी फर्म, एजेंसी या कंपनी को पट्टा नहीं दिया गया है।
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