ललितपुर के बुंदेलखंड क्रांति दल की बैठक में 31 अक्टूबर को काला दिवस मनाने की रणनीति बनाई गई। वक्ताओं ने कहा कि बुंदेलखंड का विकास केवल पृथक बुंदेलखंड राज्य बनने से ही संभव है। साथ ही बैठक में बुंदेलखंड को पृथक राज्य बनाने की मांग की गई।
जिलाध्यक्ष ताहर सिंह परमार ने आरोप लगाया कि 31 अक्टूबर 1956 को सरकार ने बुंदेलखंड राज्य समाप्त कर दिया था, तब से लेकर अब तक 18 राज्य बना दिए गए हैं, लेकिन बुंदेलखंड राज्य की हमेशा ही उपेक्षा की गई है। अब राज्य निर्माण के लिए संघर्ष किया जाएगा।
इसे ध्यान में रखकर 31 अक्टूबर को काला दिवस मनाना जाएगा। धरने के बाद प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा। इस विषय पर सुंदर बाबू ने कहा कि बुंदेलखंड राज्य शीघ्र बनाया जाए और जब तक राज्य नहीं बनाएँगे, तब तक बुंदेलखंड के विकास की योजनाओं को धरातल पर लाया जाए।
31 अक्टूबर के कार्यक्रम की तैयारियों पर चर्चा की गई। बैठक में मुख्य रूप से शीलू श्रीवास्तव, उमाकांत श्रीवास्तव, हरिनारायण विश्वकर्मा, मोहित साहू, अक्षय जैन, राहुल, समरीन, सोनम, गौरव कुशवाहा, संतोष कुशवाहा, रामस्वरूप झां, प्रशांत श्रीवास्तव, डा नितेन्द करोसिया, सुंदर बाबू, मनोज रुपकला, ब्रजेश साहू आदि उपस्थित रहे। संचालन डॉ. नितेन्द करोसिया ने किया। अंत में ताहर सिंह परमार ने आभार व्यक्त किया।
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