झांसी में बुंदेलखंड पैकेज के तहत तीस करोड़ की तीसरी किश्त दूसरी तिमाही खत्म हो जाने के बावजूद लघु सिंचाई विभाग को नहीं मिली है। पिछले वर्ष टेंडर घोटाला सामने आने के बाद महकमे को यह पूरी रकम वापिस देना पड़ी थी। इसके बाद इस वित्तीय वर्ष में तीसरी किस्त की फिर मांग हुई, लेकिन पैसा जारी नहीं हुआ। इस कारण तीन दर्जन से अधिक चेकडैम समेत तालाब गहरीकरण का कार्य ठप पड़ा है।
बता दें कि झांसी में सिंचाई के साथ पेयजल समस्या दूर करने के लिए बुंदेखलंड पैकेज के तीसरे चरण में तीस करोड़ रुपये दिए गए थे। इसकी मदद से 40 चेकडैम समेत 30 तालाबों का गहरीकरण होना था। प्रस्ताव के मुताबिक कुरैचा, गुढ़ा, नोटा, लठेसरा, खिसनी, सरवां, डगरवाहा, अठौदना, बघौरा, दुरखरू, ककरबई, धनौरा, ठर्रो, लकारा, बसरिया, धमना, बसरिया, धौर्रा, वीरा, बिजरवारा, पूछ, शहजहांपुर, तालोड, बिठरी, पच्चरगढ़, फुलखिरीया, काडोर, बरहेटा, रानापुरा, कछीयामऊ, पसौरा, सुजवा एवं लकरा में चेकडैम बनवाए जाने हैं।
जबकि घुराट, सिकार, सिद्घेश्वर, यारा तालाब, भुजरिया, पुतनीया बंधा, अशोकर, बड़ा तालाब, भमौरा, हनुमान मंदिर तालाब, सेमरी, शिव मंदिर तालाब, बुखारा, कुगा तालाब, फुटा तालाब, आदर्श तालब, पलरा में तालाबों का गहरीकरण होना था। लेकिन सभी काम अभियंताओं ने मिलीभगत करके अपने चाहते ठेकेदारों में बांट दिए।
मामला खुलने पर तत्कालीन अधिशासी अभियंता को निलंबित करने के साथ तीन दर्जन ठेकेदार ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। इसके बाद पूरा पैसा शासन को वापस करना पड़ा। नए वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार के पास फिर प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन अभी भी कई आपत्तियां लगी होने से बजट स्वीकृत नहीं हुआ। वहीं, लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अनुराग गुप्ता का कहना है कि प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है।
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