एक बार फिर कोरोना की जीत: बुंदेलखंड में बंद हुआ मिट्टी का परीक्षण

 
कोरोना के कारण आर्थिक तंगी के चलते स्वाइल टेस्टिंग से सरकार ने हाथ पीछे खींच लिए हैं। बजट जारी न होने से पूरे बुंदेलखंड में खेतों की मिट्टी का परीक्षण नहीं होगा। स्वाइल हेल्थ कार्ड न बनने से हजारों किसान बीज एवं जैविक खाद से भी वंचित होंगे।
यह बेहद गंभीर विषय है कि बुंदेलखंड में मिट्टी की उपजाऊ क्षमता लगातार कम होती जा रही है। झांसी, ललितपुर एवं जालौन में कृषि योग्य भूमि से जैविक एवं रसायनिक तत्व लगातार कम हो रहे हैं। कृषि विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक यहाँ की मिट्टी से जीवांश समेत नाइट्रेट, फास्फेट, पोटाश, जिंक, कॉपर, मैग्नीशियम तथा बोरॉन की मात्रा चिंताजनक स्तर पर पहुंच चुकी है। 
पोषक तत्वों का क्षरण रोकने को सरकार ने स्वाइल हेल्थ कार्ड पर जोर दिया। इसके जरिए मिट्टी की जांच करके कमी वाले तत्व की भरपाई की जाती है। पिछले वर्ष झांसी के 383 हेक्टेयर तथा ललितपुर में करीब 300 हेक्टयर क्षेत्रफल का मृदा परीक्षण हुआ। इसके अंतर्गत झांसी में 3607 किसानों के कार्ड बनाए गए, जबकि ललितपुर में तीन हजार किसानों को इसका लाभ मिला।
सरकार ने जारी ही नहीं किया बजट 
बता दें कि झांसी में 11.01 लाख रुपये खर्च करके सूक्ष्म पोषक तत्व, जैव उवर्रक तथा मृदा सुधारक उपलब्ध कराए गए, लेकिन इस बार पूरी तस्वीर ही पलट गई। कोरोना की मार के चलते सरकार ने इस बार कोई बजट ही जारी नहीं किया। जबकि पिछले वर्ष ही सरकार ने स्वाइल टेस्टिंग की पूरी व्यवस्था बदलकर ग्रिड सिस्टम लागू किया था। दूसरे चरण में अधिक किसानों तक स्वाइल हेल्थ कार्ड पहुंचाने की बात कही गई थी, लेकिन पैसा न आने से हजारों किसानों को मायूस होना पड़ रहा है। वहीं, जिला मृदा अधिकारी एसके सिंह के मुताबिक बजट न होने से स्वाइल हेल्थ कार्ड नहीं बनाए जा सकेंगे हालांकि निजी खर्च पर मिट्टी का परीक्षण कराया जा रहा है।
इन गांवों में वितरित होने वाला था स्वाइल कार्ड
स्वाइल टेस्टिंग की नई नीति के मुताबिक गुरसराय ब्लॉक के निमगहना, दिपकई, बिरौना, खलीलपुरा, बसारी, बामौर ब्लॉक से भदरवारा खुर्द, छिरौरा खुर्द, हरदुआ, बिलादीखेत, परसुवां, मोंठ से बुढेराकलां, ग्यारई, जरहाखुर्द, बम्हरोली स्टेट, तुरसनपुरा, चिरगांव से बिठरी, देदर, वेरीसालपुरा, पाडरी, लुधयाई, बबीना से बैजपुर, पुनावलीखुर्द, रमपुरा, पुरा, किल्चवारा खुर्द, बड़ागांव से गढ़मऊ, रोनीजा, बरैठी, पाडरी, भूपनगर, मऊरानीपुर से पुरवा, सितौरा, चुरारी, लारौनी, तिलैरा एवं बंगरा से बगरौनी, भटा, नवादा, टिकरी, सिजौरा में परीक्षण होने के साथ कार्ड दिए जाने थे, लेकिन इस बार यहाँ के सभी किसानों को मायूस होना पड़ेगा।

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