बुन्देलखंड में कर्ज में डूबे अन्नदाता किसान विपत्ति के समय आखिरी रास्ते के तौर पर मौत को चुनने के लिए मजबूर हो रहे हैं, कभी आपदा के मारे तो कभी विपदा के कारण। बुंदेलखंड में ऐसी घटनाओं की संख्या लगातार सामने आती रहती है। झांसी जिले के एरच थानान्तर्गत ग्राम बामौर में भी हाल ही में ऐसा ही मामला सामने आया है। यहाँ कर्ज से परेशान एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
झांसी जिले के एरच थानान्तर्गत ग्राम बामौर निवासी 70 वर्षीय कमल कुशवाहा के पास एक बीघा जमीन है। वह खेत पर रहते थे। मंगलवार सुबह जब उनका बेटा किशोरी लाल खेत पर गया तो देखा कि उसके पिता फांसी पर लटके हुए थे। यह देख इसकी सूचना थाने की पुलिस को दी। पुलिस के मुताबिक परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि कमल कुशवाहा पर कुछ कर्जा था, जिसको लेकर वे काफी चिंतित रहते थे। आशंका जताई जा रही है कि उन्होंने इसी कारण अपनी जान ले ली है।
बता दें कुछ समय पहले ऐसा ही मामला झांसी के लहचूरा थानाक्षेत्र गांव सहपुर खुर्द से सामने आया था, जहाँ कर्ज के कारण किसान चंद्रभान सिंह ने घर के कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। वे 10 बीघा जमीन का काश्तकार थे, लेकिन कुदरत का कहर और बैंक के कर्ज ने किसान को चिंता में डाल रखा था। मृतक पर केसीसी के करीब 50 हजार रुपये और उसके ट्रैक्टर से सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत होने पर कोर्ट में पांच लाख रुपये जमा करने का आदेश जारी हुआ था, जिसकी वजह से वे मानसिक तनाव में थे।
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