शिकायतें नहीं निपटाईं, तो अधिकारियों को देना होगा मुआवजा; अब नहीं लगाने पड़ेंगे उपभोक्ताओं को बिजली विभाग में चक्कर



झांसी। बिजली विभाग में अब उपभोक्ताओं की शिकायतें न निपटाना और उपभोक्ताओं को चक्कर लगवाना अधिकारियों को महंगा पड़ेगा। इन अधिकारियों से जुर्माना वसूल कर उपभोक्ताओं को मुआवजा दिया जाएगा। जुर्माने वाली राशि भी तय कर दी गई है। नया नियम जिले में लागू कर दिया गया है। बता दें कि 60 दिन के भीतर तय समय में उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान होगा। साथ ही बिजली विभाग का चक्कर काट रहे लोगों को भी राहत मिलेगी।
अब तक छोटी से बड़ी शिकायतों को नजरअंदाज करने वाले अधिकारी खुद समस्याओं के समाधान में गंभीर नजर आएंगे। ब्रेकडाउन, केबल फॉल्ट, नया कनेक्शन, मीटर रीडिंग जैसी सेवाएं समय पर न देने पर उपभोक्ताओं को अधिकारी मुआवजा देंगे।
उपभोक्ताओं को उनके बिजली के फिक्स चार्ज या डिमांड चार्ज के 30 फीसद से अधिक मुआवजा नहीं दिया जाएगा। मुआवजा लेने के लिए उपभोक्ताओं को क्षेत्रीय अधिशासी अभियंता को आवेदन देना होगा। उपभोक्ताओं की शिकायतों की पुष्टि उनके स्मार्ट मीटर में दर्ज आंकड़ों से की जाएगी।
ऐसे होगा क्लेम
समय पर सेवा न मिलने पर उपभोक्ता संबंधित अधिशासी अभियंता के पास लिखित शिकायत कर सकते हैं। शिकायत की जांच विभाग करेगा। जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो क्लेम करने पर उपभोक्ता को मुआवजा दिया जाएगा।
इतना मिलेगा मुआवजा
- अस्थायी कनेक्शन में देरी: 100 रुपये प्रतिदिन
- लो वोल्टेज: 250 रुपये प्रतिदिन
- सब स्टेशन में देरी: 500 रुपये प्रतिदिन
- मीटर रीडिंग: 200 रुपये प्रतिदिन
- डिफेक्टिव मीटर: 50 रुपये प्रतिदिन
- नया कनेक्शन: 250 रुपये प्रतिदिन
- ओवरहेड लाइन: 100 रुपये प्रतिदिन
उपभोक्ता के हित को ध्यान में रखते हुए यह नियम लागू किया गया है। झांसी में नियम लागू कर दिया गया है। उपभोक्ता क्षेत्र के अधिशासी अभियंता से संपर्क कर अपनी शिकायत और इस बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं।
-डी यादवेंदु, अधिशासी अभियंता, प्रथम

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