पटाखों का शोर बढ़ा, लेकिन पिछले साल की तुलना में कम रहा वायु प्रदूषण



सागर। शहर में लगातार हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। दीपावली की रात एंबिएंट एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 120 हो गया, जबकि सांस लेने योग्य शुद्ध हवा के लिए इसे 50 से कम होना चाहिए। 
बता दें कि मार्च से लेकर अक्टूबर तक शहर का एक्यूआई 70 से ज्यादा नहीं था। 30 अक्टूबर को एक्यूआई 75 था और 14 नवंबर को एयर क्वालिटी इंडेक्स 120 था, यानी दो हफ्ते के भीतर इसमें सीधे 70 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई। हालांकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक इसे मध्यम स्थिति मान रहे हैं, लेकिन खराब स्थिति में पहुंचने से सागर ज्यादा दूर नहीं है। 200 पार होते ही सागर भी भोपाल समेत अन्य प्रदूषित जिलों की सूची में शामिल हो जाएगा।
शनिवार को सागर में पीएम 2.5 80 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया, जबकि इसकी अधिकतम सीमा 60 होना चाहिए। वहीं पीएम 10 बढ़कर 120 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था, इसकी अधिकतम सीमा 100 होना चाहिए।
ध्वनि प्रदूषण की बात करें तो इस बार दीपावली की रात 85 डेसीबल दर्ज किया गया। 2019 की दीपावली में ध्वनि प्रदूषण 80.56 डेसीबल था। दीपावली की रात ध्वनि प्रदूषण में यह बढ़ोत्तरी पिछले दो साल से ही हो रही है। अब तक सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषण 2016 में दीपावली की रात दर्ज किया गया, जो कि 101 डेसीबल था। सामान्य तौर पर इसे 60 डेसीबल होना चाहिए। ध्वनि प्रदूषण बढ़ने से आप बहरेपन के शिकार हो सकते हैं।

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