Gold में आयी मंदी, Gold खरीदने का हैं मौका, जानिए क्या हैं ऑफर



Gold नए साल में नई ऊंचाइयों को छू सकता है, मार्केट के दिग्गज एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सोना 2021 में 63,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है, ऐसे में अगर आपको आज सस्ते में सोना खरीदने का मौका मिले तो इससे बेहतर कुछ नहीं. रिजर्व बैंक (RBI) आपको ये मौका देने जा रहा है. आज से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) की 9वीं सीरीज (9th Series) जारी होने वाली है. 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2020-21 की नौवीं सीरीज (9th Series) आज से सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगी. इसमें 1 जनवरी 2021 तक निवेश किया जा सकता है. RBI ने इस बार इश्यू प्राइस (Issue Price) 5,000 रुपये प्रति ग्राम तय किया है. यानि 10 ग्राम का भाव 50,000 रुपये हुआ. जो कि मार्केट रेट से कम है

अगर आप डिजिटल पेमेंट के जरिए इसमें निवेश करते हैं तो 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी. यानि 10 ग्राम की खरीद पर आप 500 रुपये डिस्काउंट पा सकते हैं. पिछली बार गोल्ड बॉन्ड सीरीज की 8वीं सीरीज का इश्यू प्राइस 5,177 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया था. यह आवेदन के लिये 9 नवंबर 2020 को खुला था और 13 नवंबर को बंद हुआ था. यानी पिछली सीरीज के मुकाबले इस सीरीज में सोना 1770 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता है. 


जिन निवेशकों ने नवंबर 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के पहले इश्यू को सब्सक्राइब किया था, उन्हें बीते पांच सालों में करीब 93 परसेंट का रिटर्न मिल चुका है. ये बॉन्ड आठ साल में मैच्योर होते हैं, लेकिन निवेशक के पास पांच साल बाद बाहर निकलने का विकल्प होता है. 

इस स्कीम के तहत एक वित्त वर्ष में कोई भी अधिकतम 4 किलो तक गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है. अगर आप सॉवरेज गोल्ड बॉन्ड में निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास PAN होना जरूरी है. इसे आप सभी कमर्शियल बैंक (RRB, छोटे फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक को छोड़कर), डाकघर, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) या सीधे एजेंट्स के जरिए आवेदन कर सकते हैं.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इश्यू प्राइस पर हर साल 2.50 फीसदी का निश्चित ब्याज मिलता है। यह पैसा हर 6 महीने में अपने आप आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है। फिजिकल गोल्ड और गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs) पर आपको इस तरह का फायदा नहीं मिलता है। SGBs का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल का है। लेकिन निवेशक अगर चाहें तो 5 साल के बाद इससे बाहर निकल सकते हैं। लोन लेने के दौरान आप कोलैटरल के रूप में भी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा ये बांड एनएसई पर ट्रेड भी करते हैं। अगर गोल्ड बॉन्ड के मैच्योरिटी पर कोई कैपिटल गेन्स बनता है तो इसपर छूट भी मिलती है।

जहां तक शुद्धता की बात है तो इलेक्ट्रॉनिक रूप में होने के कारण इसकी शुद्धता पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता. इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा) वहीं इसका लोन के लिए  इसका उपयोग कर सकते हैं. अगर बात रिडेंप्शन की करें तो पांच साल के बाद कभी भी इसको भुना सकते हैं. 




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