झांसी: सरकारी खरीद केंद्रों में मूंगफली बेचने के बावजूद किसानों को उपज का पैसा अब तक नहीं मिला जबकि तीन दिन के भीतर उपज का दाम दिलाने का भरोसा दिलाया गया था। अब तक किसानों का दस करोड़ रुपये से अधिक बकाया हो चुका।
सरकारी क्रय केंद्रों में उपज बेचने के 72 घंटे के भीतर किसान के खाते में भुगतान भेजने का सरकार दावा करती है लेकिन, जमीनी हकीकत इसके ठीक उलटी है। झांसी में मूंगफली किसानों के खाते में उपज बेचने के करीब बीस दिन बाद भी भुगतान नहीं आया। इस बार यहां मूंगफली की फसल अच्छी हुई लेकिन, सरकार ने काफी विलंब से खरीद केंद्र खोले। दिसंबर माह से पीसीयू के मड़रवारा, भोजिला, एरच एवं पीसीएफ ने रामनगर एवं भसनेह में खरीद केंद्र खोले। बताया जा रहा अब तक 4284.377 मीट्रिक टन खरीद हुई लेकिन, सिर्फ 1299 किसानों को 11.92 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया गया।
अभी 1092 किसानों का करीब 10.67 करोड़ रुपये बकाया है। भुगतान न मिलने से किसान काफी परेशान हैं। भोजिला मंडी में उपज बेचने वाले राकेश साहू, मनोज दुबे, रामनरेश, सोनू अहिरवार आदि का कहना है शुरूआत में ही उन्होंने मंडी में उपज बेची थी। उनको तीन दिन के भीतर भुगतान का भरोसा दिलाया गया था लेकिन, कई चक्कर लगाने के बाजवूद खाते में पैसा नहीं आया। इन किसानों का कहना है सरकारी मंडी में बेचने के लिए उपज अपने पास रखे रहे लेकिन, अब भुगतान के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
Source: Amar Ujala
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