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पिछड़ा वर्ग के बालक एवं कन्याओं के लिये छात्रावास सुविधा

 प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के बालक एवं कन्याओं को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के मकसद से छात्रावास संचालित किये जा रहे है। पिछड़ा वर्ग के बालकों के लिये प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर पोस्ट-मैट्रिक छात्रावास संचालित किये जा रहे है।

उज्जैन में पिछड़ा वर्ग के बालकों के लिये 100 सीटर क्षमता के बालक छात्रावास के भवन का निर्माण कार्य पूर्णत: की ओर है। विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में बालक छात्रावास के संचालन के लिये 5 करोड़ 70 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है।



पिछड़ा वर्ग की कन्याओं के लिये छात्रावास सुविधा

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में पिछड़े वर्ग की कन्याओं को पढ़ाई के लिये आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के मकसद से प्रदेश के सभी जिलों में पिछड़ा वर्ग पोस्ट-मैट्रिक कन्या छात्रावास भवनों की स्थापना की योजना है। उज्जैन में 100 सीटर क्षमता के कन्या छात्रावास निर्माण का कार्य पूर्णत: की ओर है। इसके साथ ही जबलपुर में 500 सीटर क्षमता के पिछड़ा वर्ग कन्या छात्रावास का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।


छात्र गृह योजना

पिछड़ा वर्ग के जिन छात्र-छात्राओं को विभागीय छात्रावासों में स्थान अभाव के कारण प्रवेश नहीं मिल पाता है, उनके लिये पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा छात्र गृह योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत 2 या 2 से अधिक विद्यार्थियों को किराये के भवन में रहने पर भवन के किराये की प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा की जा रही है। विभाग द्वारा इस वर्ष छात्र गृह योजना में करीब 91 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है। छात्र गृह योजना में विभाग द्वारा तहसील, जिला एवं संभाग स्तर के छात्र गृह के लिये किराये के भवन का मासिक किराया प्रति छात्र एक हजार रुपये निर्धारित किया गया है।

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