Banner

हमीरपुर: लघु बचत के नाम पर लाखों रुपए का फ्रॉड

लघु बचत के नाम पर लाखों रुपए के फ्रॉड का मामला सामने आया है। मामले में तीन कंपनियों के खिलाफ जिला पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। 60 लाख रुपए का फ्राड करने वाली एक कंपनी के डायरेक्टर को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। साथ ही दो अन्य कंपनियों पर केस दर्ज कर जिला पुलिस छानबीन में जुटी है। पुलिस अधीक्षक हमीरपुर कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने कहा कि आरबीआई ने साल 2018 में गाइडलाइन जारी की थी कि यह एक हाई रिस्क नॉन बैकिंग फाइनांशियल कॉरपोरेशन है। इस कंपनी के खिलाफ बड़सर थाना में एक केस भी दर्ज किया गया था। जिला के कई लोगों ने इस कंपनी के पास अपना पैसा जमा करवाया था। शिकायत मिलने पर मामले की जांच की गई थी, जिसके बाद कंपनी के डायरेक्टर को भी गिरफ्तार किया गया है।



उन्होंने बताया कि इसके अलावा आरडीबीएल और उम्मीद फाइनांस कंपनी के खिलाफ भी शिकायत मिली है। उनके खिलाफ भी जांच की जा रही है। इन तीन कंपनियों ने लाखों रुपए के फ्रॉड को अंजाम दिया है। इन कंपनियों ने पहले लोगों को लुभावने ऑफर देखकर उनसे आरडी के नाम पर मोटी रकम वसूली और बाद में जब लोगों ने पैसा वापस मांगा तो उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। लोगों ने पुलिस को इसकी शिकायत दी। प्रारंभिक जांच में इन कंपनियों पर लगे आरोप भी सही पाए गए हैं। अब बाकी दो अन्य कंपनियों के अधिकारियों की भी गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।

परवाणू में धोखाधड़ी का मामला दर्ज

परवाणू- परवाणू पुलिस थाना में फाइनांस कंपनी के विरुद्ध धोखाधड़ी करने पर मामला दर्ज हुआ है। परवाणू में मंगलवार सोनल सूद निवासी पंचकूला हरियाणा (वर्तमान पता गांव नारायणी तहसील कसौली जिला सोलन) की शिकायत पर धारा 156 (3) सीआरपीसी के अंर्तगत 20, 465, 467, 468, 471, 474, 34, आईपीसी का मामला दर्ज हुआ है। शिकायत में बताया गया है कि उसने वर्ष 2016 में एक निजी फाइनांस सर्विस से एक टिप्पर खरीदा था, जिसके लिए उसने कंपनी से 32 लाख चार हजार रुपए का लोन लिया था। लोन की ईएमआई प्रतिमाह 66 हजार 750 रुपए थी। लोन के एवज में चार ब्लैंक चेक फाइनांस कंपनी को दिए थे। उसने पांच अगस्त, 2019 तक लगातार ईएमआई की किश्त दी, परंतु कंपनी ने छह अगस्त, 2019 को उसका 9,32,510 रुपए का एक चेक बैंक में लगा दिया, जो शिकायकर्ता के खाते में पर्याप्त पैसा न होने के कारण बाउंस हो गया, जबकि इसका लोन मुबलिक 6,07,508 रुपए देना शेष था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उपरोक्त फाइनांस कंपनी ने उसके चेक में रकम भरकर जालसाजी की है। मामले की पुष्टि थाना प्रभारी दयाराम ठाकुर ने की।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ