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चित्रकूट। धर्मनगरी के खिलौने दुनिया के किसी भी कोने में खरीदे जा सकेंगे

धर्मनगरी चित्रकूट के लकड़ी के खिलौनों को मेलों में भी अब बाजार मिलने लगा है। नोएडा में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय मेले में इन लकड़ी के खिलौनों के स्टाल दर्शकों को आकर्षित करेंगे लगे है। एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल फार हैैंडीक्राफ्टस के प्रशिक्षण प्राप्त जिले के 18 शिल्पकार नए-नए बाजार मिलने को लेकर उत्साहित हैं।



अभी कुछ ही समय पहले लकड़ी के खिलौने का व्यापार दम तोड़ता नजर आ रहा था पर केंद्र व प्रदेश सरकार की ओडीओपी योजना से अब हालात बदल गए है। दुनिया के किसी भी कोने से ग्राहक ऑनलाइन इन खिलौना बनाने वालों से संपर्क कर खरीदारी कर सकते हैं। साथ ही बनाने की विधि भी सीख सकता है। शिल्पकारों का विवरण और खिलौने की किस्मों को आनलाइन ईपीसीएच की वेबसाइट से जोड़ा गया है। लकड़ी के खिलौने के उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार के टेक्सटाइल्स विभाग की ओर से चित्रकूट की सीमा से सटे ग्रामोदय विश्वविद्यालय परिसर में आकर्षक स्टाल लगाए। इसमें चित्रकूट क्षेत्र के 18 शिल्पकारों ने भाग लिया। देश में खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए देश में भारतीय खिलौनों के मेले में कार्यक्रम का आयोजन किया गया । मेले का समापन मंगलवार को हो गया।

रोजगार के अवसर बढ़ रहे

भारत सरकार के टैक्सटाइल्स विभाग की तरफ से लकड़ी के खिलौने के शिल्पकारों को आधुनिक व अच्छी डिजाइन के खिलौने बनाने के लिए ट्रेनर स्पोर्ट ऑफ इंडिया संस्थान की माधुरी सिंह ने दो माह की ट्रेनिंग शिल्पकारों को दिया। ट्रेनिंग में रंगों का मिश्रण, अच्छे रंग का प्रयोग सहित नये डिजाइन के खिलौने बनाने की कला बताई गई। एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल फार हैैंडीक्राफ्टस प्रमुख प्रशिक्षक माधुरी सिंह के साथ सहायक आलोक पांडेय ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओडीओपी में शामिल लकड़ी के खिलौनों को अच्छा बाजार मिलने की उम्मीद है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।

सरकार की मदद से काम आगे बढ़ा

चार दिवसीय मेले के पहले दिन 27 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल ऑनलाइन संबोधन के माध्यम से चित्रकूट के खिलौने की तारीफ की। इस क्षेत्र के शिल्पियों से क्लस्टर मजबूत करने के लिए कहा था। लकड़ी के खिलौने के लिए लगाये गये स्टाल में चित्रकूट के शिल्पकार बलराम राजपूत, जितेंद्र, रोहित, धीरज नारायण, संजय सिंह, रंजीत, विजय कुमार, शुभम, चंद्रभवन, शुभम, चंदन केसरवानी, राकेश व अजय,पप्पू आदि शामिल रहे। इन शिल्पकारों ने संवाददाता से अपने अनुभव बताए कि सरकार की मदद से काम तो आगे बढ़ रहा है। नए क्षेत्रों के ग्राहक मिलने से उत्साहित भी हैं।


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