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पांच साल से नहीं मिला ऐसा नेक आदमी जिसने किसी घायल को अस्पताल पहुंचाया

जालौन जनपद को बीते पांच साल से एक भी ऐसा ‘नेक आदमी’ नहीं मिला, जिसने किसी घायल को अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाई हो। ऐसा नहीं है कि इस अच्छे काम को करने वालों की जिले में कोई कमी है लेकिन इस नेक काम को करके शासन की गुड सेमेरिटन (नेक आदमी) योजना का लाभ लेने वाला अब तक सामने नहीं आया है। इसके पीछे की वजह है कि ऐसे मददगारों को या तो ‘नेक आदमी’ योजना की जानकारी नहीं है या फिर मददगार कानूनी पचड़े में पड़ने से घबराते हैं। यही कारण है कि 2016 अब तक योजना का लाभ लेने वाला एक भी मददगार सामने नहीं आया है।



जनपद में रोजाना चार से पांच गंभीर और दस से पंद्रह छोटे-छोटे सड़क हादसे होते ही है, जिसमें कभी ग्रामीण तो कभी शहर के लोग इन घायलों के मददगार बनकर उसे अस्पताल तक ले जाते हैं। इसके बाद कभी मरीज रेफर कर दिया जाता है तो कभी उसका इलाज शुरू हो जाता है लेकिन उसे लाने वाले का कुछ अता-पता नहीं चलता है। न तो अस्पताल में कोई ‘नेक आदमी’ आदमी योजना को बताने वाला दिखाई देता है और न इस योजना का कहीं पर कोई प्रचार प्रसार ही किया गया है। सिर्फ जिला अस्पताल में एक बोर्ड टांग कर प्रचार-प्रसार की खानापूरी कर ली गई है। इस वजह से भी जिले में ‘नेक आदमी’ योजना दम तोड़ रही है। बाकी की कसर कानूनी लिखापढ़ी पूरी कर देती है। 


ये है ‘नेक आदमी’ योजना, ऐसे मिलेगा लाभ : 

सरकार ने मार्च 2016 में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में सड़क सुरक्षा के अंतर्गत गुड सेमेरिटन (नेक आदमी) योजना संचालित की है। योजना में सड़क हादसे में घायलों को अस्पताल तक लाने वाले मददगार से न तो पुलिस पूछताछ करेगी और न ही उसे अपना नाम-पता बताने की जरूरत होगी। यही नहीं यदि नेक आदमी यदि घायल को लाने का प्रमाणपत्र मांगता है तो उसे अस्पताल द्वारा इसका प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। योजना के अंतर्गत प्रत्यके मददगार को 2000 रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी। बशर्ते मददगार का घायल से कोई दूर-दूर तक कोई संबंध न हो।


सूचनाएं तो मिलती हैं, नहीं मिलते ‘नेक आदमी’

एंबुलेंस सेवा के मंडलीय प्रबंधक दिनेश सिंह का कहना है कि पिछले तीन साल के आकड़े देखे तो वर्ष 2018 में 211, वर्ष 2019 में 263 व 2020 में 316 लोग सड़क हादसों की सूचना देने वाले बाहरी लोग थे। लोगों को पूछताछ और झमेलों से डर रहता है। इस योजना का प्रचार-प्रसार की जरूरत है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठाए और सड़क हादसों में समय से चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराकर घायलों की जान बचाई जा सके।


सीएमएस, डॉ एके सक्सेना ने बताया कि यह बात सही है कि योजना की जानकारी कम लोगों को है। लिहाजा ‘नेक आदमी’ योजना के लिए जल्द ही जागरुकता अभियान चलाया जाएगा ताकि घायलों को मदद मिले और ‘नेक आदमी’ मिलने की भी शुरुआत हो सके। परिवहन विभाग के आरआई संजीत सिंह कहते हैं कि परिवहन विभाग की ओर से शुरू की गई नेक आदमी योजना को प्रोत्साहन देने के लिए वाकई जागरुकता की आवश्यकता है। वे विश्वास दिलाते हैं कि मददगारों को किसी भी कानूनी पचड़े में नहीं पड़ना पड़ेगा। उन्हें सीधे योजना का लाभ मिलेगा।







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