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हमीरपुर में किसानों ने रचा इतिहास, सूखी जमीन पर केसर की खेती

 किसान पारंपरिक खेती के तरीकों से अलग हटकर काम कर रहा है. किसान ने ना सिर्फ अलग अलग तकनीक अपनाई है, बल्कि इसके अलावा उन खेतियों पर काम किया है, जिनपर पहले काम नहीं हो रहा था. साथ ही कुछ सालों में देखा गया है कि किसान अब उन खेती को भी ट्राई कर रहे हैं, जो वहां जलवायु के हिसाब से नहीं होती है. इसका ताजा उदाहरण बुंदेलखंड से है, जहां अब किसान वो सब खेती कर रहे हैं, जो पहले यहां नहीं होती थी.



यहां के किसानों ने स्ट्रॉबेरी की खेती की है और इस खेती से अब वो अच्छा बिजनसे कर रहे हैं. किन्तु अब किसानों ने वो खेती भी शुरू कर दी है, जो एक वक्त सिर्फ वादियों में ही की जाती थी. दरअसल, पहले कहा जाता था कि केसर सिर्फ वादियों में ही पैदा हो सकता है और वहां का केसर भी मशहूर था. कश्मीर के केसर को ही जीआई टैग मिला हुआ है, लेकिन बुंदेलखंड में अब किसान ने केसर की खेती कर मिसाल कायम की है.

हमीरपुर में किसानों ने रचा इतिहास

बुंदेलखंड के हमीरपुर में निवादा गांव में अब किसानों ने सूखे इलाके में भी केसर की खेती कर ली है. किसानों की ओर से सूखी जमीन में भी की जा रही केसर की खेती हैरान कर देने वाला मामला है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, एक किसान ने बताया, ‘हमें संदेह था कि यहां केसर की खेती हो पाएगी या नहीं, लेकिन ऐसा हो गया. दरअसल, यह कोई ठंडा क्षेत्र नहीं है, लेकिन इसे ठंडक देने के लिए खेत में एक दिन में 5-6 बार पानी देने की आवश्यकता होती है.’

तीन लाख रुपये तक किलो बिकता है केसर

दुनिया में केसर की कीमत इसकी क्वालिटी पर लगाया जाता है. दुनिया के बाजारों में कश्मीरी केसर की कीमत 3 लाख से 5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक है. केसर के पौधों में अक्टूबर के पहले सप्ताह में फूल लगाने शुरू हो जाते हैं और नवंबर में यह तैयार हो जाता है. वैसे इसे उगाने की प्रोसेस काफी लंबा और मुश्किल होता है, लेकिन इसकी खेती अच्छे से की जाए तो इसका काफी फायदा हो सकता है.

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