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अनंतनाग : सुरक्षाबलों और जैश-ए-मोहम्मद आतंकियों के बीच मुठभेड

 जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। दो आतंकियों के घिरे होने की आशंका की जा रही है। इस ऑपरेशन को सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम अंजाम दे रही है, जिसमे पुलिस, सेना और सीआरपीएफ शामिल है।





 सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है। मारे गए आतंकियों के पास से एक एके-47 और एक पिस्टल बरामद हुआ है। आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि कश्मीर जोन के आईजी विजय कुमार ने की है। आईजी ने कहा कि कादीपोरा गांव में मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए हैं। 


मारे गए आतंकियों की पहचान आदिल अहमद भट और जाहिर अमीन राथर के रूप में हुई है। फिलहाल इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। बिजबिहाड़ा के कादीपोरा इलाके में बुधवार शाम को जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर तलाशी अभियान शुरू किया गया था। इसी दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग करनी शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला। इसके बाद अंधेरा होने पर ऑपरेशन को रोक दिया गया था।



गनी ख्वाजा के दो साथी मुठभेड़ स्थल से फरार हो गए थे

मंगलवार को अल-बद्र सरगना गनी ख्वाजा को मार गिराने में सफलता मिली थी। गनी ख्वाजा के दो साथी मुठभेड़ स्थल से फरार हो गए थे। उनकी तलाश में जगह-जगह कार्रवाई की जा रही है। ख्वाजा संगठन का मास्टरमाइंड था। वह संगठन में युवाओं की भर्ती करने के साथ ही सीमा पार से आने वाले नए ग्रुप को रिसीव करता था। इस ग्रुप को दक्षिणी कश्मीर तक पहुंचाने में मदद करता था। 

आईजी विजय कुमार ने बताया कि ख्वाजा वर्ष 2000 में हथियारों की ट्रेनिंग लेने पाकिस्तान गया था। वहां से वह 2002 में लौट आया। उसे 2007 में पीएसए के तहत गिरफ्तार भी किया गया था। बाद में 2008 में उसे छोड़ा गया। 2015 तक वह ओजीडब्ल्यू के तौर पर काम करता रहा। 

जनवरी 2018 में वह हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया। इसके बाद वह 2020 में अल बद्र में शामिल हो गया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की शह पर उसने दोबारा अल-बद्र को सक्रिय किया। घाटी में पिछले दिनों जितने भी अल-बद्र के आतंकी मारे गए उन्हें ख्वाजा ने ही संगठन में शामिल कराया था। उसके पास से एके 47 राइफल, पांच मैगजीन, दो ग्रेनेड व अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई थी। मुठभेड़ में उसका मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता है।

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