बॉर्डर पर निर्मित अमर शहीद स्तंभ में शामिल हुई चरण पादुका शहीद स्थल की मिट्टी
gwalior fort in hindi भारत में घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। ये किला मध्य भारत की सबसे प्राचीन जगह में से एक है। ग्वालियर फोर्ट मध्यप्रदेश स्टेट के ग्वालियर शहर में एक पहाड़ी पर स्थित है,
जिसे ग्वालियर का किला के नाम से भी जाना-जाता है। इस किले की ऊंचाई 35 मीटर है। यह किला करीब 10वीं शताब्दी से अस्तित्व में है। लेकिन, इस किले में जो किला परिसर है
उसके अंदर मिले शिलालेख और स्मारक इस बात का संकेत देते हैं कि ऐसा भी हो सकता है कि यह किला 6 वीं शताब्दी की शुरुआत में अस्तित्व में रहा हो। इस किले के इतिहास के अनुसार इसे विभिन्न शासकों द्वारा नियंत्रित किया गया है।
ग्वालियर किले को इसकी बनावट के कारण “किलों का रत्न” भी कहा जाता है। यह किला भारत के बीचो-बीच मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में गोपांचल नामक छोटी पहाड़ी पर स्थित है
क्षेत्रफल 3 किलोमीटर
यह सिर्फ ग्वालियर की नहीं बल्कि पूरे भारत की शान है जो की वर्तमान में एक ऐतहासिक संग्रहालय के रूप में जाना जाता है।
स्थान ग्वालियर, मध्य प्रदेश
निर्माण 8वीं या 10 वी शताब्दी
निर्माता राजा मान सिंह तोमर
नियंत्रण कर्ता मध्य प्रदेश सरकार
ग्वालियर किला क्यों प्रसिद्ध है
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ग्वालियर किला किसने बनवाया था – Gwalior Fort Whoइसमें एक चतुर्भुज मंदिर है जो भगवान् विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर को 875 ईस्वी में बनवाया गया था। इस मंदिर संबंध तेली के मंदिर से है।
इस किले का पहला भाग शुरुआती तोमर शासन में बनवाया गया था और दूसरा भाग जिसका नाम गुर्जरी महल है वो राजा मान सिंह तोमर ने 15वीं शताब्दी में अपनी प्रिय रानी, मृगनयनी के लिए बनाया गया था।अब यह संग्रहालय और महल है। एक रिसर्च में यह बताया गया है कि 727 ईस्वी में निर्मित किले के बारे में कहा गया था कि इस किले का history of gwalior fort पूर्व राज्य से जुड़ा हुआ है और इस पर कई राजपूत राजाओं ने राज किया है।
प्राप्त दस्तावेज की माने तो 15वीं शताब्दी से पहले Gwalior Fort पर कछवाह, पाल वंश, प्रतिहार शासकों, तुर्क शासकों, तोमर शासकों जैसे राजवंशों का शासन किया था।
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