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झांसी: जिले में एक बार फिर ऑक्सीजन का जबरदस्त अकाल

जिले में एक बार फिर ऑक्सीजन का जबरदस्त अकाल हो गया है। इस कारण प्राइवेट हॉस्पिटलों में सौ से ज्यादा ऑपरेशन टल गए हैं। कोविड अस्पताल को ही ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई जा रही है। डॉक्टर फिलहाल अब इमरजेंसी सर्जरी ही कर पाएंगे।


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झांसी में प्रतिदिन 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत है। इसमें से अकेले मेडिकल कॉलेज में ही 24 घंटे में 10 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का इस्तेमाल हो जाता है। जबकि, झांसी में 24 निजी अस्पतालों को कोविड हॉस्पिटल में तब्दील किया गया है। यहां एल-2 लेवल वाले अस्पतालों में मरीजों को ऑक्सीजन पर रखा जाता है। कोरोना की दूसरी लहर में तेजी से संक्रमित सामने आने पर ऑक्सीजन की मांग भी काफी बढ़ी है। इस कारण मांग के अनुसार आपूर्ति काफी कम हो पा रही है।

झांसी में सोमवार रात को आठ मीट्रिक टन ऑक्सीजन आई थी। जबकि, मंगलवार को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाई। इससे बुधवार को निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के चलते डॉक्टरों ने बिना इमरजेंसी वाले ऑपरेशन टाल दिए। इसमें हड्डी, ईएनटी, सर्जरी, गायनी आदि विभागों के ऑपरेशन शामिल रहे। इस कारण ये रहा कि ऑक्सीजन की उपलब्धता कोविड मरीजों के लिए बनी रहे। डॉक्टरों ने मरीजों को एक-दो हफ्ते बाद का समय दे दिया है। हालांकि, औषधि प्रशासन विभाग ने बुधवार देर रात तक आठ मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई हो जाने की संभावना जताई है।

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दो दिन पहले भी टले थे ऑपरेशन

झांसी में ऑक्सीजन की कमी होना सोमवार से शुरू हुआ है। कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता कम हो जाने पर नर्सिंगहोमों ने मरीजों को भगाना शुरू कर दिया। हाल ये रहा कि एक मरीज को तो परिजनों ने कई घंटे तक एंबुलेंस में ही ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा। इसके बाद ग्वालियर लेकर चले गए। तब भी कई डॉक्टरों ने ऑपरेशन टाल दिए थे।

ऑक्सीजन का टैंकर गांधीनगर से चल चुका है। बुधवार देर रात तक टैंकर आ जाएगा। इसमें आठ मीट्रिक टन ऑक्सीजन है। जिले में ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।

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