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उषा ठाकुर: आनंदपूर्वक जीने के लिए स्वस्थ मन, स्वस्थ शरीर और स्वस्थ वातावरण का होना आवश्यक

पर्यटन, संस्कृति और अध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि आनंदपूर्वक जीने के लिए स्वस्थ मन, स्वस्थ शरीर और स्वस्थ वातावरण का होना अत्यंत आवश्यक है। आपसी सहयोग, सहायता और परस्पर विकास के भाव के साथ आनन्द विभाग पूरे प्रदेश में सकारात्मकता का विस्तार करने के लिए कटिबद्ध है। मंत्री उषा ठाकुर, अध्यात्म विभाग के राज्य आनंद संस्थान द्वारा 'आनंद का आधार-स्वस्थ मन, स्वस्थ शरीर, स्वस्थ वातावरण' के विषय पर वर्चुअली आयोजित पांच दिवसीय आनंद शिविर को संबोधित कर रही थी।



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इन पंक्तियों को दोहराते हुए उषा ठाकुर ने आव्हान किया कि मानव जीवन को सार्थकता प्रदान करते हुए, नैतिक दायित्व को पहचाने और दुनिया को सुंदर, सुखद और सकारात्मक बनाने में जुट जाए। उषा ठाकुर ने ओजोन परत संरक्षण और पर्यावरण शुद्धि के लिए पौधारोपण और यज्ञ करने का आव्हान भी किया।

राज्य आनंद संस्थान द्वारा आयोजित आनंद शिविर एक आपसी संवाद की प्रक्रिया पर आधारित है। जिसमें प्रतिभागी आनंद की परिभाषा और उसे चरितार्थ करने के विषय में अपने विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यू और एआईसीटीई के सहयोग से पाँच दिवसीय शिविर का आयोजन 26 मई से 30 मई 2021 तक किया जा रहा है।

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उषा ठाकुर ने कहा कि स्वस्थ मन से आशय स्वयँ में सही समझ, भाव-विचार, सत्य का ज्ञान और प्रेम भाव का होना है। स्वस्थ शरीर से निरोगी काया और स्वस्थ वातावरण से आशय स्वस्थ परिवार, स्वस्थ समाज और स्वस्थ पर्यावरण से है। स्वस्थ शरीर और स्वस्थ वातावरण के मूल में स्वस्थ मन का होना बहुत आवश्यक है। 

कार्यक्रम में राज्य आनंद संस्थान के एडवाइजर सत्य प्रकाश आर्य, निदेशक शिव प्रवीण गंगराड़े, एनसीसी आईपी के चेयरमैन प्रो. रजनीश अरोरा, एनसी यूएचवी के चेयरमैन प्रो. चरण, मेडिकैप्स यूनिवर्सिटी इंदौर के वाइस चांसलर प्रो. सोमानी, एआईसीटीई के चेयरमैन प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे, राज्य आनंद संस्थान के सीईओ डॉ अखिलेश अर्गल और निदेशक इंद्रपाल सिंह सहित 71 प्रतिभागी वर्चुअली उपस्थित थे।

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