मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज निवास पर भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर उनके चित्र पर माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री चौहान ने मुखर्जी का स्मरण किया। मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट किया है कि डॉ. मुखर्जी की दिखाई राह पर चलते हुए राष्ट्र की उन्नति और विकास में योगदान ही उनके चरणों में सच्ची श्रद्धांजलि होगी। 'एक देश में दो निशान, दो प्रधान, दो विधान नहीं चलेंगे' के ध्येय की प्राप्ति के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर देने वाले माँ भारती के सपूत, जनसंघ के संस्थापक, श्रद्धेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर उनके चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि।
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डॉ. मुखर्जी शिक्षाविद, चिन्तक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे। 6 जुलाई 1901 को कोलकाता में डॉ. मुखर्जी का जन्म हुआ। डॉ. मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धांतवादी थे। उन्होंने तुष्टिकरण की नीति का सदैव विरोध किया। अटल बिहारी वाजपेयी, वैद्य गुरुदत्त, डॉ. बर्मन और टेकचंद आदि को लेकर आपने 8 मई 1953 को जम्मू के लिए कूच किया। सीमा प्रवेश के बाद उनको जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। 40 दिन तक डॉ. मुखर्जी जेल में बंद रहे और 23 जून 1953 को जेल में उनका निधन हुआ।
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