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फिर चूल्हे की तपिश से तप रही ‘गरीबी’


बांदा।
बुंदेली गरीब और मजदूरपेशा परिवारों की महिलाएं केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना से लाभान्वित तो गईं, लेकिन वर्तमान समय में गैस सिलिंडर के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी से सिलिंडर भरवाने में अपने आपको असहाय महसूस कर रहीं हैं।

घरेलू गैस सिलिंडरों की बढ़ी कीमतों से इस समय योजना से गैस कनेक्शन हासिल करने वाली गरीब/मजदूर महिलाएं फिर से चूल्हे की आंच सहन करने को मजबूर हैं।

केंद्र सरकार की सबसे सफल उज्ज्वला योजना से लाभान्वित होने वाले पात्रों का बड़ा तबका मजदूर और बेहद गरीब महिलाएं हैं। शुरुआत में किसी तरह से गैस सिलिंडर तो भरा लिया, लेकिन अब करीब 917 रुपये प्रति सिलिंडर कीमत हो जाने पर गरीब परिवार दोबारा रिफिलिंग नहीं करा पा रहे हैं।

उज्ज्वला गैस सिलिंडर को घर के कोने में रख दिए गए। चित्रकूटधाम मंडल में उज्ज्वला योजना के लगभग 5,19,285 गैस कनेक्शनधारक हैं। मंडल में कुल आठ लाख 78 हजार 288 गैस कनेक्शनधारक हैं।

चित्रकूटधाम मंडल के चारों जनपदों बांदा, महोबा, चित्रकूट और हमीरपुर में चूल्हे में खाना पकाने वाली 5.19 लाख गरीब महिलाओं को केंद्र सरकार ने मुफ्त गैस कनेक्शन दिए हैं।

इनमें फेज वन में 5,04,813 और फेज दो में 14,472 गरीब परिवार को कनेक्शन मिला है। हालांकि फेज दो में अभी भी पात्रों को गैस कनेक्शन दिए जा रहे हैं। मुफ्त गैस सिलिंडर, रेगुलेटर और चूल्हा पाकर गरीब महिलाएं बेहद खुश हुईं।

खर्च में कटौती करके किसी तरह गैस चूल्हे में खाना भी पकाने लगीं, लेकिन घरेलू गैस सिलिंडरों की बढ़ती कीमतों ने इस खुशी को काफूर कर दिया। अधिकांश गरीब/मजदूर परिवारों ने गैस रिफिल कराना लगभग बंद कर दिया है।

खाना बनाना महंगा पड़ा तो गरीब महिलाओं ने फिर लकड़ी के चूल्हे की तरफ रुख कर लिया। पिछले वर्ष कोरोना/लॉकडाउन में केंद्र सरकार ने 500 रुपये गैस सब्सिडी सीधे खातों में भेजी थी तो पात्र महिलाओं को काफी राहत हुई थी। इस वर्ष कोई रियायत नहीं मिली।

मंडल में उज्ज्वला गैस कनेक्शनधारकों की संख्या

जनपद फेज एक फेज दो कुल कनेक्शन

बांदा 1,73,649 8923 1,82,572

चित्रकूट 1,08,798 2844 1,11,642

हमीरपुर 1,32,575 86 1,32,661

महोबा 89,791 2619 92,410

योग 5,04,813 14,472 5,19,285

मंडल में कुल गैस कनेक्शनधारक---

बांदा 3,11,937

चित्रकूट 1,71,059

हमीरपुर 2,30,412

महोबा 1,64,880

योग 8,78,488

73 हजार आवेदनों में 65 हजार पात्र

उज्ज्वला योजना के तहत वर्ष 2019 से कनेक्शन बंद हो गए थे। केंद्र सरकार फिर 10 अगस्त से उज्ज्वला योजना दो की शुरुआत की है। इस योजना के तहत चित्रकूटधाम मंडल में 73,846 ने ऑनलाइन आवेदन किए। इनमें 65,580 पात्र पाए गए हैं।

उज्ज्वला योजना फेज दो में बांदा में 35,883 लोगों ने आवेदन किए। इनमें 32,745 गरीब महिलाएं पात्र पाई गई हैं। इसी तरह चित्रकूट में 11,037 ने आवेदन किए और 9411 पात्र मिले। हमीरपुर में 14,547 आवेदनों में 12,698 और महोबा में 12,379 में से 10,726 लोग जरूरतमंद मिले। सभी को कनेक्शन जारी करने की प्रक्रिया चालू है।

बोलीं महिलाएं---

सारा काम चूल्हे में होता

मजदूरी करके गुजर बसर कर रहे हैं। घरेलू गैस सिलिंडर में हर माह 900 रुपये से ज्यादा खर्च करना मुश्किल है। खर्च में कटौती करके साल में दो-तीन बार भरवा लेते हैं। बाकी सारा काम चूल्हे में होता है।

- रामप्यारी प्रजापति, (पनगरा, नरैनी)

महंगी गैस भरवाने की नहीं है हिम्मत

पति और पुत्र परदेस में नौकरी कर रहे हैं। उज्ज्वला योजना से गैस सिलिंडर मिल गया, लेकिन गैस महंगी होने से भरवाने की हिम्मत नहीं जुटा पातीं। जब पैसों की व्यवस्था हुई तो भरवा लेते हैं। वरना ज्यादातर सिलिंडर खाली रखा रहता है। मजबूरी में लकड़ी-कंडे में खाना बनाना पड़ रहा है।

- कलावती, (हस्तम, अतर्रा)

एक साल से नहीं भरवाई गैस

सरकार ने गुड़ दिखाकर ईंटा मारा है। उज्ज्वला योजना से गैस सिलिंडर चूल्हा आदि तो दे दिया, लेकिन गैस भरवाने के लिए 900 रुपये से ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। गरीबी के चलते जीवन यापन मुश्किल है तो महंगी गैस कैसे भरवाएं।

एक साल से अधिक हो गया, उसने गैस सिलिंडर नहीं भरवाया। सरकार जब विशेष सब्सिडी देगी तो भरवा लेगी।

- कलमतिया, (पिपरगवां, तिंदवारी)

रोज कमाना-खाना तो कैसे भरवाएं गैस

उज्ज्वला गैस कनेक्शन वर्ष 2019 में मिला था। दो-तीन बार ही भरवाया है। पति की मृत्यु के बाद घर में खाने के लाले हो गए। मजदूरी करके पेट भर रहे हैं। रोज कमाना-खाना है, तो सिलिंडर में गैस भरवाने के लिए पैसे कहां से पाएं। वह साढ़े 900 रुपये गैस में नहीं खर्च कर सकती, इसलिए लकड़ी बीनकर लाते हैं और चूल्हे में खाना बनाते हैं।

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