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किसानों को फसल बीमा का लाभ न मिलने पर मंडलायुक्त, बैंकों के खिलाफ 24 करोड़ छह लाख की आरसी जारी करने के निर्देश दिए


अब तक बैंक का बकाया न मिलने पर आरसी जारी की जाती थी, लेकिन अब किसानों को फसल बीमा का लाभ न मिलने पर मंडलायुक्त ने संबंधित बैंकों के खिलाफ 24 करोड़ छह लाख की आरसी जारी करने के निर्देश दिए हैं। इससे बैंक प्रबंधन में खलबली मच गई है। 

ललितपुर में वर्ष 2019 में अतिवृष्टि से खरीफ की फसल नष्ट हो गई थी। उस समय 1,51,547 किसानों ने फसल का बीमा कराया था। इसमें 1,726 किसानों ने स्वयं खरीफ की फसल का बीमा कंपनी से कराया था और जिले की विभिन्न बैंकों ने ऋणी 1,49,821 किसानों के खाते से प्रीमियम राशि काट ली थी। बैंक ने किसानों के खाते से बीमा की प्रीमियम राशि तो काट ली पर किसानों का डाटा बीमा कंपनी के पोर्टल पर अपलोड नहीं किया था। इससे 7551 किसानों के 7968 आवेदनों पर नष्ट हुई फसल का बीमा क्लेम नहीं मिल सका।

इसी के तहत अब क्लेम से वंचित किसानों के 7968 आवेदनों पर बीमा दिलाने के लिए बैंकों पर प्रशासन ने सख्त रवैया अपना लिया है। प्रशासन ने क्लेम से वंचित किसानों को क्लेम दिलाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसी को लेकर मंडलायुक्त ने जनपद के 16 बैंकों पर 240622158 राशि की आरसी काटने के निर्देश दिए हैं। इस कारण से अब बैंकों में हड़कंप मचा हुआ है। मामले को लेकर लीड बैंक प्रबंधक ने बैंकों से ब्योरा मांगा है। वहीं कृषि विभाग ने भी मंडलायुक्त के निर्देश के अनुपालन में तैयारी शुरू कर दी है ।

वर्ष 2019 में ऋणी किसानों के खाते से बैंकों ने खरीफ फसल के बीमा क्लेम के लिए प्रीमियम राशि काट ली, लेकिन डाटा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया। पोर्टल पर डाटा अपलोड की तिथि समाप्त होने पर बैंकों ने किसानों के आधार कार्ड न होने का हवाला दे दिया जबकि बैंकों ने प्रीमियम राशि काटते समय आधार कार्ड व अन्य दस्तावेजों तक की याद नहीं आई थी।

किसानों की नहीं हो रही थी सुनवाई

परेशान किसान लगातार प्रदर्शन और शिकायतें करते रहे लेकिन कोई उनकी कोई सुनवाई नहीं हो सकी. जब कमिश्नर झांसी मंडल अजय शंकर पांडेय के सामने यह मामला आया तो उन्होंने इस पर कड़ा रुख इख्तियार करते हुए ऐसे 16 बैंकों पर 24 करोड़ 6 लाख की आरसी काटने के निर्देश दे दिए।

क्लेम मिलने की उम्मीद जगी

वहीं कमिश्नर झांसी मंडल के निर्देश का अनुपालन करने में कृषि विभाग भी जुट गया है। जिससे पीड़ित किसानों को उनकी फसल बीमा का क्लेम मिलने की उम्मीद जग गई है।

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