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दीपावली पर दिखेगा समूह की महिलाओं का हुनर


समूह की महिलाएं तेजी से आत्मनिर्भर हो रही हैं। कुछ अलग करने की ठान घर की चाहरदीवारी से बाहर निकलकर गृहस्थी की गाड़ी चला रही है। ऐसे में दीपावली पर्व भी इन महिलाओं के लिए खास है। इन महिलाओं ने सरकारी मदद और समूह के सहयोग से गुलदस्ता, झूमर, गोबर के दीप बनाकर उनकी बिक्री शुरू की है। पर्व के मौके पर महिलाओं के हाथ से निर्मित उक्त उत्पाद लोगों को काफी पसंद भी आ रहे हैं।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने गांवों में समूह गठित कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम शुरू किया है। एडीओ उद्योग एवं व्यवसाय प्रवीण रत्नम का कहना है कि ब्लाक में 550 समूह चल रहे हैं। जिसमें 42 ग्राम संगठन, 40 समूह सखी व 4 क्लस्टर काम कर रहे हैं। जो विभिन्न व्यवसाय से जुड़ कर अपना व अन्य महिलाओं के परिवार की आर्थिक समृद्धि सुधारने में लगे हैं। इनमें से भोले बाबा समूह चाकी, कृष्ण-राधा समूह सहवाजपुर, अवन्तीबाई समूह गोहन ने मार्च 2020 में संकुल स्तरीय संघ से 1.10 लाख रुपये ऋण लेकर झूमर, गोबर के दीप, गुलदस्ता का काम शुरू किया। दीवाली पर इन उत्पादों की बिक्री भी तेज हो गई है। प्रशासन की ओर से लगने वाली दीवाली मेले पर भी इन उत्पादों की बिक्री की जाएगी।

समूह में काम करके आर्थिक स्थिति में सुधार

सहवाजपुर निवासी सुहानी का कहना है कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। बच्चों की पढ़ाई व घर खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था। समूह में काम करके आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।

बेहतर काम कर रही महिलाएं- बीडीओ

बीडीओ दीपक यादव का कहना है कि समूह की महिलाएं बेहतर काम कर रही है। उन्हें रोजगार भी मिला हैं। महिलाओं को समूह चलाने में जो समस्या होगी उनका समाधान कराया जाएगा। महिलाओं का आगे बढ़ना गर्व की बात हैं।

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