झांसी। पेट्रोल और डीजल के दाम भले ही आसमान छू रहे हों, मगर पेट्रोल की खपत में कोई अंतर नहीं आया है। जिले में हर महीने होने वाली पेट्रोल की बिक्री अपने पिछले महीने के स्तर पर ही टिकी हुई है। रोजमर्रा की जरुरत बन चुके पेट्रोल को लोग वाहनों में पहले की तरह ही भरवा रहे हैं। उम्मीद है कि आने वाले त्योहार के सीजन में पेट्रोल की मांग और बढ़ सकती है।
मौजूदा समय में पेट्रोल के रेट 102 रुपये के आसपास हैं। वहीं डीजल के रेट भी 94 रुपये चल रहे हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब पेट्रोल 100 रुपये के पार हो गया है और डीजल के दामों में भी इजाफा हुआ है। इसके बाद भी जिले में पेट्रोल की खपत कम नहीं हुई है। पेट्रोलियम कंपनियों के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में हर महीने डेढ़ करोड़ लीटर पेट्रोल की खपत होती है। पिछले महीने सितंबर में जब दाम 100 रुपये से कम थे, तब भी इतनी ही बिक्री हुई। अभी भी मांग उतनी ही है। बस अंतर इतना आया है कि लोगों को पहले जहां 100 रुपये में एक लीटर से अधिक पेट्रोल मिल जाता था, वहीं अब 100 रुपये से अधिक खर्च करने पर भी एक लीटर से कम पेट्रोल मिलता है। वहीं डीजल की खपत भी दो करोड़ लीटर से अधिक है। त्योहार पर इसमें बढ़ोतरी की उम्मीद है।
मध्यप्रदेश का भी असर
पेट्रोल और डीजल की मांग में बढ़ने के पीछे मध्यप्रदेश भी बड़ा कारण है। झांसी जिले की सीमाएं मध्यप्रदेश से लगती हैं। मध्यप्रदेश में पेट्रोल की कीमत 115 रुपये के आसपास है। झांसी और मध्यप्रदेश के पेट्रोल के दामों में करीब 13 रुपये का अंतर है। ऐसे में सीमावर्ती इलाकों से लोग झांसी आकर टैंक फुल कराते हैं।
आंकड़ों पर एक नजर
जिले में कुल पेट्रोल पंप- 125
महानगर में पेट्रोल पंप- 45
जिले कुल वाहनों की संख्या- साढ़े सात लाख
जिले में कुल पेट्रोल वाहन- 5.30 लाख
जिले में कुल डीजल वाहन- दो लाख
कुल पेट्रोल की खपत- डेढ़ करोड़ लीटर
कुल डीजल की खपत- दो करोड़ लीटर
पेट्रोल-डीजल अब दैनिक जीवन की मूलभूत जरुरत बन चुका है। पेट्रोल के दाम बढ़ गए हैं। पेट्रोल-डीजल खपत में कोई खास अंतर नहीं आया है। - राजीव बब्बर, अध्यक्ष, जिला पेट्रोल डीजल डीलर्स एसोसिएशन
पेट्रोल पंप से हर महीने रिपोर्ट मांगी जाती है। समय-समय पर पंप की जांच भी की जाती है। जिले में पेट्रोल की मांग पहले जितनी ही है। - तीर्थराज यादव, डीएसओ
0 टिप्पणियाँ