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महोबा से कानपुर का ट्रेन से सीधा जुडाव होने से बुंदेलखंड विकास को लगेंगे पंख

 महोबा से कानपुर मुख्य व्यवसाय मार्ग है जिसके लिए महोबा जिले के व्यापारियों का बड़ा तबका जो अपना व्यापारिक लेन-देन एजेंसी आदान-प्रदान कानपुर के माध्यम से ही करता है, लेकिन रेलवे का कोई सीधा और सुगम साधन न होने के कारण यहां की व्यापारिक प्रगति बाधित है। आप जानते होंगे कि सड़क मार्ग के मुकाबले रेलवे की सुगम यात्रा सुरक्षित यात्रा के कारणों से व्यापारियों ने हमेशा रेलवे को प्राथमिकता दी है ।


बुंदेलखंड में एकमात्र सीधी पैसेंजर ट्रेन महोबा से कानपुर के लिए विगत दिनों चलाई गई लेकिन उस परियोजना को सीधा रूट न मिल पाने के कारण सफर में समय की अधिकता के कारण यथास्वरूप सफलता नहीं मिल पायी और यह रेलवे की औपचारिकता मात्र रह गई क्योंकि महोबा से चलकर पैसेंजर ट्रेन बांदा जाने के बाद फिर कानपुर जा पाती है। बांदा से कानपुर में अनावश्यक समय लगता है जिसका किसी भी प्रकार से व्यवसायिक उपयोग नहीं हो पाया।ना ही व्यापारिक सुविधाएं यथावत जारी रही। इस रूट को बढ़ाने पूर्व सुविधा देने के लिए सांसद विधायक एवं अन्य द्वारा समय-समय पर सदन में आवाज उठाई गई। रेलवे अधिकारियों, मंत्रालयों को पत्र भी लिखे गए, जिसके परिणाम स्वरूप बुंदेलखंड के महोबा स्टेशन बांदा स्टेशन को तो कई बड़े रूट की ट्रेनों के माध्यम से अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली, इंदौर, कोलकाता जोड़ा गया । लेकिन महोबा से कानपुर लखनऊ रुट पर प्रगति नहीं हो पाई। ना ही बांदा से लखनऊ परियोजना रेल मंत्रालय से कानपुर लखनऊ का रेल रूट के माध्यम से जुड़ाव हो पाया। 

संज्ञान में आया है कि रेल मंत्रालय कुछ नई कार्ड लाइन की स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिसकी लम्बाई 2.5 किलोमीटर होगी, इसके पूरे होने की संभावना है मार्च 2026 तक है । झांसी मानिकपुर व खैरार भीमसेन लाइन के 411 किलोमीटर के दोहरीकरण में 5 बड़े , 39 मेजर , 457 - माइनर पुलों के साथ 206 आर यू वी का निर्माण होना बताया जा रहा है । कुल 4229.54 करोड़ की भारी-भरकम धनराशि को स्वीकृति के बाद निर्गत भी किया जा चुका है । वही कानपुर रूट में मेट्रो स्टेशन के निकट 16.50 ई की कार्ड लाइन भी स्वीकृत की गई

खजुराहो कार्ड लाइन के बनने पर झांसी की ओर से आने वाली बाहर से ही निकल जाएंगे वहीं दूसरी तरफ एक ट्रेन रूट के लिए बहुप्रतीक्षित कार्ड लाइन स्वीकृत हुई है जो कि झांसी मानिकपुर स्टेशन से निकलेगी लाइन 16.5 किलोमीटर लंबी मटोन्ध स्टेशन के पास जाकर इचौली में मिलेगी 4200 करोड़ की धनराशि इस योजना हेतु की जा चुकी है । खजुराहो कार्ड लाइन में कलेक्ट्रेट के निकट महोबा सिटी से सिटी के नाम से रेलवे स्टेशन की स्थापना भी संभावित है ।

दोनों योजनाओं के पूर्ण क्रियान्वयन से के बाद बुंदेलखंड विकास को भी पंख लगने की पूरी उम्मीद की जा रही है क्योंकि बुंदेलखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल में खजुराहो के होने से झांसी खजुराहो रूट से पर्यटकों के लगातार बढ़ने की संभावनाएं हैं ।

इसी क्रम में रेलवे मंत्रालय द्वारा खजुराहो ललितपुर खजुराहो झांसी इलाहाबाद खजुराहो ललितपुर मार्ग में नई नई ट्रेनों की व्यवस्थाएं लगातार की जा रही है आवागमन के साधन सुलभ होने से महोबा खजुराहो कानपुर रोड पर भी व्यापारिक आवागमन बढ़ने की पूरी उम्मीद की जा रही है।


साभार- बुंदेलखंड न्यूज़


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