जीतू पटवारी का शिवराज पर तंज: बोले ग्वालियर-चंबल क्षेत्र सरकार खरीदने वालों को ठेके पर दे दिया, इसलिए बढ़ रहे अपराध
मध्य प्रदेश के गुना में पुलिस की शिकारियों के साथ मुठभेड़ में शहीद तीन पुलिसकर्मियों की घटना के बाद सियासत भी गरमा गई है। सीएम शिवराज के एक बयान पर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि ग्वालियर चंबल का इलाका सरकार खरीदने के एवज में एक मंत्री को ठेके पर उठा दिया है। वहां के अधिकारी अब मुख्यमंत्री की नहीं सुनते और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।
कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ग्वालियर और चंबल में पुलिस और प्रशासन पर अपराधियों के हमलों का ब्यौरा देते हुए कहा कि अपराधियों मेमं प्रशासन का भय नहीं बचा है। पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री पैसा देकर सरकार बनाने वालों का कर्ज उतारने में लगे हुए हैं। मैं उनसे पूछता हूं कि सरकारी कर्मचारियों पर सबसे ज्यादा अत्याचार उन्हीं की सरकार में क्यों होते हैं? बता दें मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की एक बैठक में कहा था कि जिन अधिकारियों से फील्ड में जिम्मेदारी नहीं संभल रही है, वो हट जाए। इस पर जीतू पटवारी ने प्रतिक्रिया दी।
पटवारी ने मुख्यमंत्री से पूछा कि आप के गृहमंत्री रोज सुबह सज धज कर मीडिया के सामने आकर बैठ जाते हैं और अक्सर दिल्ली जाकर आपकी कुर्सी गिराने का षड्यंत्र करते हैं, लेकिन आप इतने डरे हुए हैं कि इन अपराधों के लिए अपने गृह मंत्री से एक सवाल तक नहीं पूछ सकते। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों में मध्य प्रदेश में अपराध का तांडव स्पष्ट दिखाई देता है। गुना की घटना में अपराधियों को भाजपा के जिन कार्यकर्ताओं का समर्थन हासिल है, उन्हें भाजपा के एक मंत्री का संरक्षण प्राप्त है। क्या आप उन मंत्री से इस्तीफा भी नहीं मांग सकते? अगर मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं ले सकते तो कम से कम कारण तो पूछ लीजिए कि आखिर क्यों जब भी मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था का प्रश्न आता है तो उसके पीछे अपराधियों के साथ भाजपा नेताओं के जुड़े होने या भाजपा नेताओं द्वारा अपराध किए जाने का मामला भी सामने आता है?
पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश की पूरी जनता चिंतित है, अधिकारी और कर्मचारी चिंतित हैं कि आखिर क्यों आप अपराधों को बढ़ावा देने वाले मंत्रियों को पद से नहीं हटा पाते हैं? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से कहा कि आप अपने पद की गरिमा का कुछ तो ख्याल करें और इस मामले में दोषी मंत्री पर समुचित कार्यवाही करें।
साभार- अमर उजाला
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