जिले के 171 आंगनबाड़ी केंद्रों को अब अधिकारी गोद लेंगे। इन केंद्रों को आदर्श आंगनबाड़ी केंद्रों के रूप में पहचान दिलाई जाएगी। केंद्रों पर बिजली पानी, साफ-सफाई सहित बच्चों के खेलने-कूदने की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। डीपीओ साहब सिंह यादव ने बताया कि इन आंगनबाड़ी केंद्रों को आदर्श रूप में स्थापित किया जाएगा। इन केंद्रों पर आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराकर बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराया जाएगा। सभी 171 आंगनबाड़ी केंद्रों का चिन्हांकन कर लिया गया है। जिले में कुल 3039 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। यहां करीब ढाई लाख बच्चे पंजीकृत हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा भी दी जाती है।
स्मार्ट फोन के जरिए होंगे बच्चों के पंजीकरण बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) राय साहब ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों को आदर्श बनाने के लिए यहां पर रंगाई-पुताई, फर्नीचर, खेलकूद का सामान समेत कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगीं। बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा को और बेहतर किया जताएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता स्मार्ट फोन के जरिए बच्चों का पंजीकरण करेंगे। कुपोषित बच्चों का लेखा-जोखा भी केंद्रों पर सुरक्षित रखा जाएगा। कुपोषित बच्चों पौष्टिक आहार देने से लेकर उनकी देखभाल अधिकारियों की निगरानी में होगी। कुपोषित बच्चों का समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कराने की व्यवस्था भी इन केंद्रों पर उपलब्ध कराई जाएगी।
साभार- भास्कर
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