उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) ने लखनऊ सहित प्रदेश के 18 जर्जर बस स्टेशनों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर विकसित करने के लिए देश भर के 40 निवेशकों को आमंत्रित किया है। इन निवेशकों के साथ शुक्रवार को परिवहन निगम मुख्यालय में बैठक होगी। जो निवेशक नहीं आ सकेंगे, वह वर्चुअली हिस्सा लेंगे।
परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक आरपी सिंह ने गुरुवार को बताया कि देशभर से कुल 40 निवेशकों (इन्वेस्टर्स) को पीपीपी मॉडल पर बनने वाले बस स्टेशनों के निर्माण के लिए आमंत्रित किया गया है। निवेशक पीपीपी मॉडल की शर्तों पर चर्चा करेंगे। जहां जरूरत होगी वहां शर्तों में बदलाव किया जाएगा। सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल पर लखनऊ में चारबाग, अमौसी और गोमती नगर सहित तीन बस अड्डों को विकसित किया जाना है।
इसके साथ ही कौशांबी, झकरकटी, वाराणसी कैंट, प्रयागराज सिविल लाइन, मेरठ, आगरा ट्रान्सपोर्ट नगर, ईदगाह, आगरा फोर्ट, अलीगढ़, मथुरा, गाजियाबाद, गोरखपुर, जीरो रोड, साहिबाबाद और अयोध्या सहित 18 बस अड्डों को विकसित किया जाना है। दरअसल, वर्ष 2016 में लखनऊ के आलमबाग में पीपीपी मॉडल पर पहला बस अड्डा बनकर तैयार हुआ था। तभी से परिवहन निगम लगातार अन्य स्थानों पर भी इसी मॉडल पर बस स्टेशन विकसित करने की कोशिश में लगा है।
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