मध्यप्रदेश में अगले 6 दिन फिर से चुनावी हलचल रहेगी। पंचायत चुनाव खत्म होने के बाद अब उप सरपंच, जिला पंचायत और जनपद पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुने जाएंगे। कई जिलों में जिपं अध्यक्ष की कुर्सी पर BJP-कांग्रेस दोनों का दावा मजबूत है, तो कुछ में निर्दलीय गणित बिगाड़ रहे हैं। ऐसे में भावी अध्यक्ष किलेबंदी में जुटे हैं। राजधानी भोपाल और इंदौर में भी कश्मकश वाली स्थिति बन रही है। 24 से 29 जुलाई के बीच पूरी प्रोसेस होगी।
प्रदेश में पंचायत चुनाव 3 चरणों में निपट चुके हैं। इसके साथ ही 'गांव की सरकार' की तस्वीर भी साफ हो गई है। इसके साथ ही अब जिला और जनपद पंचायत में अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर जोड़-तोड़ शुरू हो गई है। दावेदार दौड़-भाग कर रहे हैं और सदस्यों को रिझाने में लगे हैं।
कब, किसका होगा चुनाव प्रदेश में तीन चरण में उप सरपंचों का चुनाव होगा। मुखिया सरपंच के बाद उप सरपंच का पद प्रमुख माना जाता है। इसे पंच ही चुनेंगे। अधिकांश पंचायतों में उप सरपंच निर्विरोध चुने जा सकते हैं। पहले चरण का 24 जुलाई, दूसरे चरण का 25 जुलाई और तीसरे चरण का 26 जुलाई को चुनाव होगा। जनपद पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुने जाने के लिए 27 और 28 जुलाई की तारीख तय की गई है। सबसे महत्वपूर्ण जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को एक ही दिन 29 जुलाई को चुना जाएगा। प्रदेश की 52 जिला पंचायतों में कलेक्टर की मौजूदगी में पूरी प्रोसेस होगी। 313 जनपदों में भी अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुने जाएंगे। सदस्य ही इन्हें चुनेंगे।
भोपाल में कांग्रेस का दावा मजबूत राजधानी होने से भोपाल जिला पंचायत में अध्यक्ष की कुर्सी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, इसलिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही ताकत झोंक दी है। हालांकि, अभी तक की स्थिति में कांग्रेस के पक्ष में सात सदस्य बताए जा रहे हैं, तो बीजेपी समर्थित तीन सदस्य है। ऐसे में कांग्रेस का दावा मजबूत है, लेकिन ऐनवक्त क्या उलटफेर हो जाए, कहना मुश्किल है। ऐसे में दोनों ही पार्टी के नेता समीकरण बनाने में लगे हैं। पिछली बार अध्यक्ष के चुनाव को लेकर उलटफेर हो चुका है। इंदौर में बीजेपी आगे चल रही है। यहां के 17 में से 12 वार्डों पर बीजेपी समर्थित सदस्य जीते हैं। वहीं, पांच पर कांग्रेस समर्थित सदस्य आगे हैं। यहां भी सदस्यों को रिझाने के लिए कसर नहीं छोड़ी जा रही।
15 दिन के भीतर पहला सम्मेलन का नियम चुनाव के बाद 15 दिन के भीतर उप सरपंच, जनपद और जिला पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए सम्मेलन का नियम है। इसलिए 29 जुलाई तक प्रोसेस पूरी करने का कार्यक्रम निर्वाचन आयोग ने बनाया है।
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