इंदौर में सेवा सुरभि द्वारा झंडा ऊंचा रहे अभियान के तहत गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शहीद Group Captain Varun Singh के परिजनों का सम्मान किया जाएगा। इस मौके पर उनके पिता के.पी. सिंह, माता उमासिंह एवं अन्य सदस्य मौजूद रहेंगे। आइए जानते हैं उनकी वीरता की कहानी...
10 अक्टूबर 1982 को जन्मे वरुणसिंह भारतीय वायुसेना में जेगुआर पृष्ठभूमि के क्वालीफाईड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर एवं एक्सपेरीमेंटल टेस्ट पायलट रहे। उन्होंने मिग 21, टी -96 सहित अनेक विमान उड़ाए। 12 अक्टूबर 2020 को वे कॉम्बैट एयरक्रॉफ्ट उड़ा रहे थे। ऊंचाई पर जाने के बाद इसके फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (एफसीएस) और प्रेशराइजेशन सिस्टम (लाइफ सपोर्ट एनवायरनमेंट कंट्रोल सिस्टम) में खराबी आ गई। इसके बाद विमान तेजी से नीचे आने लगा। ऐसी परिस्थिति में जान-माल का भारी नुकसान होने का डर था। इस हालात में भी वरुण ने अपने मन और शरीर को नियंत्रण में रखा और विमान पर फिर से नियंत्रण हासिल कर लिया।
हालांकि इसके तुरंत बाद लगभग 10,000 फीट पर ही विमान का फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम फिर से काम बंद हो गया और विमान नियंत्रण से बाहर हो गया। ऐसी स्थिति में पायलट अपनी जान बचाने के लिए विमान से कूद जाते हैं लेकिन वरुण ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने अपनी जिंदगी खतरे में डालते हुए विमान को सुरक्षित रूप से उतारा और असाधारण साहस और कौशल का प्रदर्शन किया।
इस वीरता के लिए उन्हें 15 अगस्त 2021 को राष्ट्रपति ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया। हालांकि इसके 4 महीने बाद 8 दिसंबर 2021 को तमिलनडु के कुन्नूर के पास चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपीन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 11 अन्य लोगों के साथ ग्रुप कैप्टन वरुणसिंह भी दुर्घटना के शिकार हो गए। उन्होंने सात दिन मृत्यु से जूझते हुए 15 दिसंबर 2021 को अंतिम सांस ली। उस वक्त वरुणसिंह नीलगिरी हिल्स स्थित डिफेंस सर्विस, स्टॉफ कॉलेज में डायरेक्टिंग स्टॉफ में पदस्थ थे।
भोपाल में रहते हैं माता पिता उनके माता-पिता भोपाल में ही रह रहे हैं तथा देश के सपूत का अंतिम संस्कार भोपाल में किया गया था। इंदौर में गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले दुआ सभागृह में आयोजित समारोह के बाद सभी अतिथि एवं गणमान्य नागरिक इंडिया गेट पर आकर शहीद के परिजन के साथ अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि समर्पित करेंगे और देश के शहीदों की याद में एक-एक मोमबत्ती भी लगाएंगे। संस्था ने आम नागरिकों से इस पावन प्रसंग पर रीगल चौराहा आकर शहीदों को पुष्पांजलि दीपांजलि समर्पित करने का आग्रह किया है। अभियान का समापन 30 जनवरी को होगा।
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