टीकमगढ़. प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों का मैपिंग कार्य पूर्ण हो गया है। जिसकी रिपोर्ट राज्य शिक्षा केंद्र के पास डीपीसी, सर्व शिक्षा अभियान द्वारा भेज दी गई है। नारी शक्ति को सशक्त बनाने के लिए ड्रेस निर्माण का कार्य एनआरएलएम को सौंप दिया है। पिछले वर्ष की तरह ड्रेस निर्माण में लापरवाही नहीं हो, उसे रोकने के लिए डीपीसी के प्रस्ताव पर डे्रस का कलर बदल दिया है। अब जिम्मेदार विभाग द्वारा स्वसहायता समूहों को चिन्हित किया जा रहा है। जो तय समय पर कक्षा एक से ८ वीं तक के छात्रों को चार ड्रेस दे सके, लेकिन गणतंत्र दिवस पर छात्र-छात्राओं को रंग विरंगे कपड़े पहनकर ही जाना पड़ेगा।
दो वर्षो से छात्रों को तय समय पर गणवेश वितरण नहीं हो पाया है। जिसके कारण स्वतंत्रता दिवस पर रंग विरंगे कपड़े पहनकर छात्रों को झंडा कार्यक्रम में जाना पड़ा। यही स्थिति गणतंत्र दिवस की भी दिखाई दे रही है। शासन ने गणवेश कार्रवाई का फैसला लेते लेते शैक्षणिक सत्र आधे से अधिक गुजर गया है। जिससे गणवेश प्रक्रिया की तैयारी नहीं हो पाई है। अब कुछ ही दिन पहले सर्व शिक्षा अभियान विभाग ने प्रत्येक प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं की मैपिंग की है। जिसकी रिपोर्ट राज्य शासन को सौंप दी गई है।
लापरवाही के कारण अभी तक अटकी रही कार्रवाई
टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में पिछले वर्ष गणवेश निर्माण में एनआरएलएम विभाग द्वारा लापरवाही की गई थी। स्वसहायता समूहों से निर्माण करने की जगह दुकानों से खरीदकर निवाड़ी, टीकमगढ़, जतारा, पलेरा ब्लॉक में वितरण की थी। जिसके कारण गणवेश निर्माण का कार्य एनआरएलएम की जगह सर्व शिक्षा अभियान विभाग को सौंपने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन शासन ने नारी शक्ति को सशक्त बनाने के लिए फिर से एनआरएलएम को ड्रेस निर्माण का जिम्मा सौंप दिया है।
पिछले वर्ष 218 समूहों को सौंपा था काम
टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलेे में गणवेश वितरण के लिए 218 स्वसहायता समूह की महिलाओं काम सौंपा गया था। इन महिलाओं को दोनों जिले के 1 हजार 977 प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल में पढऩे वाले 3 लाख 23 हजार 788 बच्चों की गणवेश तैयार करनी थी, लेकिन काम पूरा नहीं कर पाए थे। ऐसे में विभाग ने इन समूहों को विफ ल बताकर अब गणवेश की राशि अभिभावकों के खातों में डालने के लिए विभाग से अनुमति मांगी थी, लेकिन स्व सहायता समूहों के सदस्यों को रोजगार देने के लिए फैसला बदलना पड़ा।
एक छात्र को १२०० रुपए की मिलेगी डे्रस
प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के प्रत्येक छात्र-छात्राओं को १२०० रुपए की चार डे्रसिस दी जाएगी। खास बात यह है कि ड्रेस का कलर पिछले वर्षो की ड्रेस से अलग होगा। बताया जा रहा है कि जिले के 1 लाख 46 हजार 780 छात्रों के लिए कुल 17 करोड 61 लाख 36 हजार रुपए दिए जाएंगे।
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