उरई। जिले के सब्जी उत्पादक किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। अब उन्नतशील प्रजाति की पौध के लिए किसानों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसके लिए जिले में अत्याधुनिक संसाधनों से लैस दो नर्सरी खुलेंगी। इनके निर्माण में तीन करोड़ 24 लाख रुपये का खर्च आएगा। नर्सरी की स्थापना के लिए सरकार से हरी झंडी मिल गई है। जल्द ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
इंडो-इस्त्राइल प्रोजेक्ट के तहत एक अत्याधुनिक पौध घर जालौन रोड रूरा मल्लू स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में बनाया जाएगा। दूसरा पौध घर उद्यान विभाग की नर्सरी में स्थापित किया जाएगा। उद्यान निरीक्षक रीता सिंह ने बताया कि जिले में दो सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के खुल जाने पर किसानों अच्छी पौध उपलब्ध कराई जा सकेगी।
बड़ी संख्या में किसान सब्जी की उन्नतशील खेती करके आय बढ़ा रहे हैं। इसमें महेबा ब्लॉक में किसान टमाटर की खेती बड़े स्तर पर करते हैं। माधौगढ़ ब्लॉक क्षेत्र में किसान बैगन और मिर्च की खेती करते हैं। कोंच ब्लॉक में मिर्च, शिमला मिर्च की खेती करके किसान अपनी आय बढ़ा रहे हैं। इसी तरह कदौरा में कई गांवों में किसान मिर्च की उन्नत खेती कर रहे हैं। पौध घर बनने से इन किसानों को उन्नत प्रजाति का बीज उपलब्ध हो सकेगा।
इन नर्सरियों की जिम्मेदारी महिला समूहों को दी जाएगी। समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। नर्सरियों से जो मुनाफा होगा, उसका 80 फीसदी हिस्सा इन महिलाओं को दिया जाएगा। कृषि वैज्ञानिकों की निगरानी में महिलाएं नर्सरी में मिर्च, पपीता केला गोभी, टमाटर, प्याज, खीरा, तरबूज, शिमला मिर्च का पौध तैयार करेंगी।
किसान अभी सब्जी जिले के आसपास की मंडी में ही बेचते हैं। अब किसानों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा कि वह अपनी उपज का निर्यात भी कर सकें। प्रत्येक सेंटर एक हेक्टेयर में होगा। इसमें 560 वर्ग मीटर की नर्सरी और 500 वर्गमीटर का ताप नियंत्रित पॉली हाउस होगा।
जिले में दो आधुनिक पौध घर बनाने के लिए जगह चिह्नित कर ली गई है। जल्द ही किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली पौध उपलब्ध कराई जा सकेगी। - आशीष कटियार, जिला उद्यान अधिकारी जालौन।
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