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नौ मार्च के बाद शादियों में ब्रेक, 50 दिन नहीं बजेंगी शहनाई, जानिएं वजह

 होलाष्टक सात मार्च को समाप्त होगा। आठ मार्च को होली (रंगोत्सव) मनाया जाएगा। इसके साथ ही वैवाहिक और मांगलिक कार्य प्रारंभ होंगे। मार्च में विवाह के लिए सिर्फ दो मुहुर्त है। आठ व नौ को ही शादियां होंगे। इसके बाद अगले 50 दिनों तक शहनाई नहीं बजेंगी। अप्रैल में एक भी मुहुर्त नहीं है। मई व जून में सर्वाधिक शादियां होंगी।



हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास शुरू हो चुका है। यह साल का आखिरी महीना है जो सात मार्च तक रहेगा। इन दिनों शुक्ल पक्ष होना शुभ माना जा रहा है। हिंदू कैंलेंडर के आखिरी दिनों यानी फाल्गुन शुक्ल पक्ष में महत्वपूर्ण व्रत-उपवास और त्योहार होते हैं।

फाल्गुन को ऊर्जा और यौवन का महीना माना जाता है। इस दौरान वातावरण खुशनुमा हो जाता है और हर जगह नई उमंग छा जाती है। धार्मिक दृष्टिकोण से भी यह बहुत ही शुभ है। फाल्गुन शिव जी, श्री कृष्ण और चंद्र देव की पूजा-उपासना का समय होता है। होली, महाशिवरात्रि आदि प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। बता दें कि मई में सबसे अधिक 14 मुहूर्त हैं। जून में सात हैं।

इसके बाद चार महीने कोई मुहूर्त नहीं है। नवंबर में दो व दिसबंर में तीन है। साल का आखिरी लग्न 15 दिसंबर को होगा। अमूमन हर साल अप्रैल-मई में खूब शादियां होती हैं, लेकिन इस बार आधे मार्च के साथ अप्रैल और मई पहले शुरुआत में शादी के लिए कोई भी मुहूर्त नहीं होगा। 14 मार्च से 14 अप्रैल तक मलमास रहेगा। इसके बाद गुरु अस्त होने की वजह से पांच मई तक मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। 

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