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आज से होलाष्टक शुरू:अब होली के बाद ही किए जाएंगे शुभ कार्य

 आज से होलाष्टक शुरू हो गया है, जो 7 मार्च तक चलेगा। इन दिनों में शादी, शगुन की रस्में, घर प्रवेश, वाहन, घर खरीदने पर रोक लग जाएगी। गुर्जा हनुमान मंदिर के पप्पू पुजारी जी ने बताया कि हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास शुरू हो चुका है। यह साल का आखिरी महीना है जो 7 मार्च तक रहेगा। इन दिनों शुक्ल पक्ष होना शुभ माना जा रहा है।



हिन्दू कैलेंडर के आखिरी दिनों यानी फाल्गुन शुक्ल पक्ष में महत्वपूर्ण व्रत उपवास व त्योहार होते हैं।भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष विधान है।

फाल्गुन को ऊर्जा व यौवन का महीना माना जाता है। इस दौरान वातावरण खुशनुमा हो जाता है। हर जगह नई उमंग छा जाती है। धार्मिक दृष्टिकोण से भी यह बहुत ही शुभ है। फाल्गुन शिवजी, श्रीकृष्ण और चंद्रदेव की पूजा उपासना का समय होता है।

होली, महाशिवरात्रि आदि प्रमुख व्रत त्योहार मनाए जाते हैं।आयुर्वेद सहित कुछ ग्रंथों में इस बात का जिक्र है कि इन दिनों शीतल जल से स्नान करना चाहिए यानी न ज्यादा गर्म और न ही ज्यादा ठंडा, अनाज का प्रयोग कम, फलों का अधिक सेवन करना चाहिए। तामसिक भोजन से परहेज करें। बसंत ऋतु होने से रंगीन और सुंदर कपड़े पहनने चाहिए।

इन नियमों का रखें ध्यान

फाल्गुन माह के शुरू होते ही सर्दियां खत्म होने लगती हैं और गर्मी के मौसम का आगाज होता है। ऐसे में शीतल या सामान्य जल से स्नान करें।

अनाज के बजाय फलाहार करना चाहिए, मांस या नशीली चीजों का सेवन न करें

यह आनंद व उल्लास का महीना है।मान्यता है कि बसंत ऋतु होने की वजह से लोगों के प्रेम संबंधों व व्यक्तिगत संबंधों में सुधार होने लगता है। इसलिए हर किसी से प्रेम पूर्वक व्यवहार करें।

भगवान शिव और भगवान श्रीकृष्ण की नियमित उपासना करें।

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