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ललितपुर: बुंदेलखंड के अमरनाथ के रूप में विराजमान हैं बाबा झूूमरनाथ

 ललितपुर/बार। जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर ब्लॉक बार क्षेत्र में स्थित बाबा झूमरनाथ मंदिर बुंदेलखंड में अमरनाथ के नाम से भी प्रसिद्घ हैं। मंदिर में गुफा के बीचों बीच शिवलिंग है। दशकों पहले लोग यहां गुफा के लिए रास्ता नहीं होने से बांस में लोटा बांधकर चट्टान पर चढ़कर शिवलिंग में जलाभिषेक करते थे। अब गुफा में सही रास्ता होने से श्रद्घालु शिव पिंडी पर जल अर्पित कर पूजन अर्चन करते हैं। यहां मध्य प्रदेश से भी श्रद्धालु पूजन के लिए आते हैं।



मान्यता है कि एक हजार वर्ष पूर्व ग्राम पारौन के पाठक परिवार के मुखिया परम शिव भक्त थे। एक बार उन्हें स्वप्न आया कि रजपुरा गांव के पास पहाड़ी में भगवान शिव पिंडी के स्वरूप में विराजमान हैं और उनकी पूजा करने को कहा। यह बात जब उन्होंने पारौन एवं रजपुरा गांव के जमींदारों को बताई तो वहां मौके पर पत्थरों की एक छोटी सी गुफा थी और उसमें जाना संभव नहीं था। यह देख जब लोगों ने छोटे छोटे पत्थरों को हटाकर गुफा में प्रवेश किया तो वहां प्राकृतिक शिवलिंग देख लोग अचंभित रह गए। तब से ही पाठक परिवार भगवान झूमरनाथ की पूजा करता आ रहा है।

आस्था का केंद्र है बाबा झूमरनाथ का शिवलिंग

मान्यता है कि संतान की चाहत को लेकर मन्नत मांगने वालों की मनोकामनाएं पूर्ण हुईं तो लोगों ने यहां बाबा को झूमर चढ़ाना शुरू कर दिया। जिससे शिवजी का नाम ही भगवान झूमरनाथ पड़ गया।

यहां प्राकृतिक जल कुंड की अर्ध परिक्रमा है। बाबा झूमरनाथ का मंदिर प्राकृतिक सिद्घ स्थान माना जाता है। यह रमणीक स्थल जंगल में होने के कारण साधु संतों का आगमन होता है। यहां हर वर्ष विशाल महायज्ञ, हवन आदि अनुष्ठान होते रहते हैं। यहां के महंत चंद्रशेखर दास महाराज हैं, जिनके प्रयास से यहां अखंड ज्योति, अखंड रामायण पाठ चल रहा है।

महाशिवरात्रि पर होंगे धार्मिक अनुष्ठान झूमरनाथ धाम सेवा संस्थान ट्रस्ट के तत्वाधान में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी झूमरनाथ धाम में महाशिवरात्रि के पर्व पर भगवान भोलेनाथ का महा रुद्राभिषेक, भोजन प्रसादी, भगवान भोले बाबा की बारात, शादी एवं रात्रि जागरण का आयोजन किया जाएगा।

बाबा झूमरनाथ महादेव की गुफा का आकार हर वर्ष एक चावल के बराबर बढ़ता है। तत्कालीन समय में लोग यहां गुफा में प्रवेश नहीं कर पाते थे, लेकिन वर्तमान में लोग गुफा में प्रवेश कर शिवलिंग को स्पर्श कर रहे हैं। - महंत चंद्रशेखर दास महाराज, झूमरनाथ धाम।

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