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मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ ने अपनी मांगो को लेकर काली पट्टी बांधकर किया विरोध

दतिया। मप्र शासकीय/स्वशासी चिकित्सक महासंघ द्वारा अपनी विभिन्न मांगो को लेकर चरणबद्ध आंदोलन के तहत बुधवार को काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर काम किया।



बताया गया है कि प्रदेश के चिकित्सा स्तर का देश की सूची में लगातार निचले पायदान में आना, लगातार चिकित्सकों का शासकीय चिकित्सालयों/ मेडिकल कॉलेजों से नौकरी छोडऩा, हर स्तर (गांव, ब्लॉक, तहसील, जिला, मेडिकल कॉलेज) पर विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी, उचित इलाज से वंचित प्रदेश की जनता, पिछले 20 वर्षो से कार्य स्थल में उचित चिकित्सकीय आधारभूत संसाधनों की कमी एवं कॅरियर उन्नयन से वंचित व असंतुष्ट चिकित्सीय संवर्ग तथा प्रदेश के गौरवशाली चिकित्सा संस्थानों में नॉन टेक्निकल (गैर चिकित्सीय) प्रशासकों का हस्तक्षेप एवं उपेक्षा से साल दर साल पतन को देखते हुए चिकित्सक महासंघ ने अपने बैनर तले प्रदेश के चिकित्सा स्तर को बेहतर करने के लिए चिकित्सक महासंघ ने क्रमबद्ध आंदोलन शुरू किया है। जिसके तहत बुधवार को महासंघ ने आंदोलन की शुरूआत करते हुए जिला अस्पताल, दतिया मेडीकल कॉलेज व जिलेभर के समस्त चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर कार्य किया व शासन की गलत नीतियों के प्रति व चिकित्सकों की उचित मांगो की लगातार हो रही अनदेखी के प्रति अपना पुरजोर विरोध जताया।

आज दो घण्टे कार्य से विरत रहेंगे चिकित्सक

डॉ. हेमंत मंडेलिया ने बताया कि महासंघ के निर्देशानुसार 16 फरवरी गुरूवार को चिकित्सक दो घंटे सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक कार्य नहीं करेंगे। वहीं 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन चिकित्सकीय, शैक्षणिक, इमरजेंसी, परीक्षा, पोस्टमार्टम, एमएलसी कार्य बंद रखे जाएंगे।

चिकित्सकों के प्रति शासन होगा संवेदनशील

डॉ. मनोहर भाटिया ने कहा कि चिकित्सक महासंघ ने उम्मीद जताई है कि चिकित्सकों के प्रति शासन संवेदनशील होगा, उनकी मांगो की ओर ध्यान देगा और प्रदेश के चिकित्सा स्तर को देश ही नहीं अपितु विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए उचित निर्णय लेगा।

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