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बांदा में एक और डाकू के जीवन पर फिल्म की शूटिंग, इस डाकू के रोल में दिखेंगे अरशद वारसी

 चित्रकूट और बांदा के जंगलों के बेताज बादशाह रहे दस्यु सरगना शिव कुमार उर्फ ददुआ के जीवन पर आधारित एक और फिल्म बन रही है। जिसकी शूटिंग बांदा के बीहड़ जंगल कोल्हुआ में हुई है। इस फिल्म को मशहूर डायरेक्टर तिग्मांशु धूलिया बड़े पर्दे पर लेकर आ रहे हैं। घमासान नाम की इस फिल्म में ददुआ का किरदार अरशद वारसी निभा रहे हैं, जबकि राजपाल यादव और प्रतीक गांधी भी इस फिल्म में नजर आएंगे।



पाठा के जंगलों में तीन दशक तक आतंक का पर्याय रहे डाकू ददुआ चित्रकूट जिले के देवकली गांव का रहने वाला था। बताया जाता है कि ददुआ के पिता को उसके नजदीकी गांव के दबंग ने निर्वस्त्र करके घुमाया था और उसके बाद हत्या कर दी थी। इसी अपमान का बदला लेने के लिए ददुआ बागी हो गया। उसने 1984 में अपना एक गैंग बनाया। 1986 में मुखबरी के शक में उसने 9 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना के बाद ददुआ अपराध की दुनिया में सुर्खियों में छा गया। उस पर 400 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। 2007 में एसटीएफ ने एक मुठभेड़ के दौरान उसे ढेर कर दिया था।

ददुआ के मरने के बाद उसके जीवन पर आधारित फिल्मी बनने लगी। 2 साल पहले तानाशाह फिल्म की शूटिंग चित्रकूट में हुई थी। अब डायरेक्टर तिग्मांशु धुलिया घमासान नाम की फिल्म बना रहे हैं। इसकी शूटिंग बांदा और चित्रकूट जिले की सीमा पर स्थित फतेहगंज क्षेत्र के कोल्हुआ जंगल में 5 दिन तक चलती रही। शूटिंग के दौरान यहां आस-पास सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस भी तैनात रही। डायरेक्टर ने बताया कि 4 महीने पहले ही कोल्हुआ जंगल का जायजा लिया था। शूटिंग के दौरान स्थानीय लोगों का भी सहयोग रहा। फिल्म में स्थानीय कलाकार भी काम कर रहे हैं। इनमें अरविंद चतुर्वेदी मिर्जापुर, रजनीश अवस्थी कमासिन बांदा, पवन पांडे पाल देव चित्रकूट शामिल है। 

एनकाउंटर ऑपरेशन पर आधारित होगी स्टोरी

बताया कि इस फिल्म में अरशद वारसी और प्रतीक गांधी मुख्य भूमिका में है। अरशद डकैत ददुआ की भूमिका निभाएंगे, प्रतीक गांधी एसएसपी ‘एस’ की भूमिका में होंगे। इन्हीं के नेतृत्व में स्पेशल टास्क फोर्स ने ददुआ और उनके गैंग का सफाया किया था। फिल्म एक्शन पैक्ड डकैत थ्रिलर होगी। इसमें कहानी ददुआ के एनकाउंटर ऑपरेशन के इर्द-गिर्द रहने वाली है। शूटिंग देखने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि इस फिल्म से क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी। उनके मुताबिक पहले यहां का नाम सुनकर लोग आने से कतराते थे लेकिन अब डकैतों का सफाया होने से सब कुछ सामान्य सा नजर आने लगा है।

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