चंद रुपयों के लिए लोग एक-दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं तो रिश्ते- नाते तक टूटने की नौबत आ जाती है, लेकिन आज के समय में ऐसे भी लोग मौजूद हैं जो समाज हित के लिए जीवन भर की जमा पूंजी भी खर्च करने में क्षण भर भी नहीं लगाएं। दानवीरता का ऐसा ही विरला उदाहरण सागर के समाजसेवी गुलझारीलाल जैन ने सामने रखा हैं। जैन ने दो करोड़ की राशि से मकरोनिया के शासकीय बड़तूमा महाविद्यालय में इंडोर स्टेडियम का निर्माण कराकर उसे कालेज के लिए दान कर दिया है। उस पर सादगी ऐसी है कि उन्होंने इसे अपना नाम भी देने से इंकार कर दिया। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव ने शुक्रवार को इस स्टेडियम का लोकार्पण किया, अब जिले के हजारों विद्यार्थियों व खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय सुविधाएं मिल सकेंगी, जिसमें कई खेलों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और प्रतियोगिताएं भी हो सकेंगी।
74 वर्षीय समाजसेवी गुलझारी लाल जैन लंबे समय से शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत रहे हैं
जिले के विद्यार्थियों का उच्च शिक्षा का सपना पूरा करने वाले दानवीर डा. हरीसिंह गौर की नगरी में एक और द्वारा दानवीर का नाम इन दिनों चर्चा में है। 74 वर्षीय समाजसेवी गुलझारी लाल जैन लंबे समय से शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत रहे हैं। वर्षों तक मकरोनिया की अंकुर कालोनी में अंकुर बाल विद्यालय संचालित किया। गुलझारी लाल के मन में हमेशा से बच्चों के लिए कुछ न कुछ करने की इच्छा रहती और वे कई स्तरों पर मदद भी करते। नवंबर 2017 में मकरोनिया में जब कालेज की घोषणा हुई थी तब कालेज के पास अपना भवन नहीं था। जैन ने तुरंत आगे बढ़कर अपना भवन कालेज संचालन के लिए दे दिया था ताकि क्षेत्र के बच्चों की पढ़ाई जल्द शुरू हो सके। इस दौरान उन्होंने एक प्रस्ताव रखा था कि उनकी मां के नाम से भवन बनाया जाए तो वह स्वयं ही दो करोड़ की लागत से कमरे तैयार करवा देंगे, लेकिन नियमों के चलते शासन द्वारा इसकी अनुमति नहीं दी गई थी। इसके बाद रवींद्र भवन और महिला छात्रावास पर भी चर्चा हुई पर रखरखाव की जिम्मेदारी को लेकर इस पर सहमति नहीं बनी।
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