अयोध्या राम की जन्म भूमि हैं और ओरछा में राजाराम रहते हैं। इसलिए दोनों ही शहरों को जोड़ने के लिए हाइवे बनाया जाएगा। साथ ही भोपाल से सागर होते हुए कानपुर तक हाइवे बनाया जाएगा। यह बात केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ओरछा में 68 सौ करोड़ की सड़कों का शिलान्यास व लोकार्पण करते हुए कही। परिवहन मंत्री ने कहा कि आज बुंदेलखंड की धरती पर आने का, विशेषकर रामराजा के यहां आने का मौका मिला है। हम करीब 70 हजार करोड़ रुपए के काम कर रहे है। ओरछा में 6 हजार 8 सौ करोड़ की लागत से सड़कों का निर्माण हो रहा है। उसी तरह के उत्तरप्रदेश के 7 हजार करोड़ के काम थे। अबकी बार उत्तरप्रदेश के बुेदंलखंड में आकर शिलान्यास करेंगे। ओरछा से दबोह मार्ग का शिलान्यास हो रहा है। ये काम पैकेज में किया जाएगा। गडकरी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से कहा कि वे ओरछा व पीतांबरा फूडमाल बनाए जाएं, जहां पेट्रोल, गैस, इलेक्टट्रक चार्जिग स्टेशन हों। जिससे यहां पर आने वाले लोगाें को पूरी सुविधाएं मिले। साथ ही हाइवे पर वालपेटिंग, मूर्तियों को लगाने की योजना बनातेएं तो हम मदद करेंगे। राम वन गमन मार्ग अयोध्या से चित्रकूट तक मार्ग पर पांच हजार करोड़ लगा रहे है। रामजानकी मार्ग बना बना रहे हैं जो नेपाल के जनकपुर तक बनाया जाएगा। चंबल का अटल प्रोग्रेस वे 15 हजार करोड से बनाया जा रहा है। उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश व राजस्थान को जोड़ेंगा। मध्यप्रदेश 306 किमी, राजस्थान में 72 किमी है। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे से मिलेगा। इसका कुछ अलायमेंट बदल रहे हैं। इंदौर से हैदराबाद तक एक्सप्रेस बना रहे हैं। यह हाइवे मालवा के लिए अच्छा होगा। आगरा से ग्वालियर तक ग्रीन एक्सप्रेस बनाने का निर्माण करने का निर्णय लिया है। दतिया में सर्विस रोड व फ्लायओवर बनाया जाएगा।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा 50 साल में जो सड़कों की सौगात कांग्रेस ने नहीं दी। लेकिन भाजपा के नितिन गडकरी ने एक दिन में करोड़ों की सौगात बुंदेलखंड को दी है। कुछ लोग देश में ऐसे हो गए हैं जो राम के बारे में गलत बोलते हैं। राम हमारी हर सांस में बसे हैं। बिना राम के यह देश नहीं जाना जा सकता। राम हमारे प्राण हैं। रामराजा तो ओरछा में विराजमान हैंं। मध्यप्रदेश की किताबों में राम व तुलसी पढ़ाए जाएंगे। भारत जोड़ों यात्रा पर बोले एसी यात्राओं से क्या भारत जुड़ रहा है। भारत को तो नितिन गडकरी जोड़ रहे हैं। पहले भी सड़कें देखी थी। पहले गड्ढों में सड़क या सड़क में गड्डे हैं पता ही नहीं चलता था। आज बैठकर चले जाओ लेकिन पेट का पानी नहीं हिलता। भारत यदि जुड़ना है तो मोदी जैसे जोड़ रहे ळैं, गडकरी जैसे जोड़ रहे है। इस तरह से जुड़ रहे हैं।
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