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78 मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराया, शादी कराई, अब मामला आया सामने

इस समय सुदीप्तो सेन की 'द केरल स्टोरी' फिल्म चर्चा में है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे आतंकी संगठन ISIS से जुड़े लोग हिन्दू और ईसाई लड़कियों को निशाना बनाते हैं। फिर उन्हें इस्लाम कबूल करवाकर सीरिया भेजते हैं। डायरेक्टर इसे सच्ची घटना पर आधारित फिल्म बताते हैं। इसके उलट एक सच्ची कहानी बरेली में चल रही। यहां मुस्लिम लड़कियों को हिन्दू बनाया जाता है। फिर उनके हिंदू प्रेमियों के साथ उनकी शादी करवा दी जाती है।



धर्मांतरण और शादी का यह काम मढ़ीनाथ के अगस्त्य मुनि आश्रम के आचार्य पंडित केके शंखधार करवाते हैं। पिछले 10 साल में 78 लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाकर शादी करवा चुके हैं। यह शुरू कैसे हुआ? शंखधार तक लोग कैसे पहुंच रहे? शादी का प्रोसेस क्या है? खतरा किस बात का है? ऐसे तमाम सवालों को जानने दैनिक भास्कर की टीम केके शंखधार के आश्रम पहुंची। आइए शुरू से पूरी कहानी जानते हैं...


बिना पूरी जानकारी गेट नहीं खोलते

बरेली का मढ़ीनाथ हिंदू बाहुल्य इलाका है। हम गलियों से होते हुए कृष्ण कुमार शर्मा उर्फ केके शंखधार के घर पहुंचे। बाहर एक बाइक खड़ी थी। इसमें नंबर प्लेट पर सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी लिखा था। बाइक में ही आगे एक लाठी रखी थी। हमने घर की घंटी बजाई। अंदर से आवाज आई- कौन? हमने अपने बारे में बताया। जब उन्हें यकीन हो गया, तो लोहे का गेट खुला। गेट खोलने वाले शंखधार के बेटे और एक अन्य व्यक्ति थे।

हमने अंदर जाकर पहला सवाल यही पूछा कि इतनी जांच-पड़ताल क्यों? पंडित शंखधार कहते हैं, "जान का खतरा है। कई बार धमकियां मिल चुकी हैं। बाहर लोग पीछा करते हैं, इसलिए अब बाहर कहीं नहीं जाते। कोई आता भी है, तो उसकी पड़ताल के बाद ही अंदर बुलाते हैं।" इसके बाद हम सीधे मुद्दे पर आए और आगे की बातचीत शुरू हुई।

'हिन्दू धोखा देते हैं' के मैसेज से शुरू हुआ सिलसिला

पंडित शंखधार मूल रूप से रामपुर के परमकूप गांव के रहने वाले हैं। 40 साल पहले बरेली चले आए और अगस्त्य मुनि आश्रम में पुजारी बन गए। पिता और दादा भी पूजा-पाठ का ही काम करते थे। खुद को राष्ट्रवादी कहते हैं और हिन्दू संगठनों से जुड़े हुए हैं। पंडित शंखधार सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। 2013 में फेसबुक पर आए एक मैसेज से ही उन्होंने मुस्लिम लड़कियों की हिन्दू लड़कों से शादी करवाने का काम शुरू किया था।

शंखधार बताते हैं, "मेरे फेसबुक में सिम्मी खान नाम की लड़की जुड़ी थी। उसने मुझे मैसेज किया कि आप हिन्दू लोग होते ही ऐसे हैं गद्दार-धोखेबाज। मुझे मैसेज अजीब लगा, तो मैने पूछा, बेटी तुम्हारे साथ ऐसा क्या हुआ जो तुम ये कह रही हो? मैने उसे अपना नंबर दिया और कहा कि फोन पर पूरी बात बताओ। उसने मुझे बताया कि मैं मुस्लिम जरूर हूं लेकिन कृष्ण की भक्त हूं, गले में लॉकेट भी उनका पहनी हूं। मैं एक हिन्दू लड़के से प्यार करती थी। हमने उसके साथ हर प्रकार के रिश्ते बनाए लेकिन अब वह शादी को तैयार नहीं।" मैने उस लड़की से लड़की के बारे में पूरी जानकारी ली और उसे फोन किया।

लड़की और लड़का दोनों बरेली के ही थे। लड़की जजेज कॉलोनी रहने वाले एक फोर्थ क्लास कर्मचारी की बेटी थी। शंखधार वहां गए और पूरी जानकारी ली। फिर लड़के के परिवार से मिले। परिवार यही कहता कि हम हिन्दू किसी मुस्लिम लड़की के हाथ की रोटी कैसे खाएंगे? परिवार शादी के लिए एकदम राजी नहीं हुआ। इसी दौरान लड़की ने डीआईजी को एक प्रार्थना पत्र दे दिया। जिसके बाद परिवार ही शंखधार के पास पहुंचा और बेटे की मुस्लिम लड़की से शादी की बात कही। शंखधार ने उस लड़की को हिन्दू बनाया और फिर उसकी शादी करवा दी।

यह पहली शादी थी। इसके बाद इसी जोड़े ने एक और ऐसी ही शादी करवाई। यहां से यह कारवां निकल पड़ा।

8 साल में 35 और पिछले एक साल में ही 40 शादियां करवा दी

शंखधार बताते हैं, "2013 के बाद हर साल कभी हिन्दू लड़के तो कभी मुस्लिम लड़कियों ने संपर्क किया और शादी की बात की। हमने उनके उम्र से जुड़े डॉक्यूमेंट चेक किए और शादी करवाई। 2022 तक यह संख्या करीब 35 तक पहुंची थी लेकिन उसके बाद इसमें तेजी आई। पिछले एक साल में ही करीब 40 लड़कियों की शादियां करवाई।

हमने पूछा आप तक लोग संपर्क कैसे करते हैं? शंखधार कहते हैं, "ज्यादातर लोग सोशल मीडिया से संपर्क करते हैं। कुछ ऐसे भी होते हैं जो उनके जरिए आते हैं जिनकी शादी मैने पहले करवाई होती है। इसमें बरेली के भी होते हैं और बहुत सारे लोग बरेली से बाहर के भी।" आगे पढ़ने से पहले देश में धर्मांतरण को लेकर ये जरूरी ग्राफिक देखिए।

क्या युवाओं को मुस्लिम लड़कियों को लुभाने की ट्रेनिंग देते हैं

हमने शंखधार से पूछा, आपने 78 मुस्लिम लड़कियों की उनके हिन्दू प्रेमियों से शादी करवाई। क्या आप इसके लिए हिन्दू लड़कों को ट्रेनिंग देते हैं? इसके जवाब में वह कहते हैं, ऐसा कुछ भी नहीं है। हिन्दू कहीं भी इस तरह से काम नहीं करता लेकिन मुस्लिम वर्ग ऐसा काम करते हैं। केरल स्टोरी में जो दिखाया गया वह सिर्फ केरल की सच्चाई नहीं है बल्कि पूरे विश्व की स्थिति है। जन्नत जाने के लिए यह लोग दुनिया का हर गलत काम करने को तैयार हैं। इसके लिए मानवता के विरुद्ध हर काम जायज है।

बरेली में धर्मांतरण की बात करते हुए शंखधार कहते हैं, "यहां भी मुस्लिम लड़कों का लक्ष्य हिन्दू लड़कियां हैं। वह किसी भी तरह इन्हें फंसाना चाहते हैं। इस्लाम कबूल करवाना चाहते हैं। ऐसा करके वह उनकी जिंदगी नरक बना देंगे। यही कारण है कि इस्लाम में जो शिक्षित लड़कियां हैं वह भी बाहर निकलना चाहती हैं।"

हमने कहा, क्या यह तय है कि जिनकी शादियां आपने हिन्दू लड़कों से करवाई वह अब खुशहाल हैं? शंखधार कहते हैं, इसके लिए आप इन लोगों से बात कर सकते हैं। हमने बरेली के ही रिठौरा के सुखपाल से बात की। सुखपाल की शादी दो साल पहले शबाना से हुई थी। सुखपाल बताते हैं कि सबकुछ अच्छे से बीत रहा। सारे केस खत्म हो चुके हैं। लेकिन न तो हम शबाना के घर जाते हैं और न ही शबाना अब अपने घर जाती हैं। शबाना को इस बार सभासद का चुनाव लड़वाया था लेकिन वह करीब 100 वोट से चुनाव हार गईं।

हमने दो और लड़कों से बात की। इस वक्त सब साथ रह रहे हैं लेकिन किसी का भी अपने ससुराल से कोई संबंध नहीं रह गया है। लड़कियां भी अब अपने घर नहीं जाती।

धर्म परिवर्तन पर कानून फिर मुस्लिम से हिन्दू कैसे

धर्म परिवर्तन को लेकर हमने केके शंखधार से पूछा तब वह कहते हैं, धर्म परिवर्तन पर अब कानून बन गया है इसलिए जो भी लड़की हमसे अपनी शादी की बात कहती है हम उसे जिलाधिकारी के पास धर्म परिवर्तन का शपथ पत्र व प्रार्थना पत्र देने की बात कहते हैं। वहां से मंजूरी मिलने के बाद जो कागज मिलता है वह लेकर यहां आने की बात कहते हैं।

डीएम से अनुमति लेने के बाद लड़की जब शादी करने के लिए शंखधार के आश्रम जाती है तब वह सबसे पहले गायत्री मंत्र का तीन बार पाठ करवाते हैं। लड़की पर गंगाजल छिड़कते हैं। फिर उसे गंगाजल और गौमूत्र पिलाते हैं। इसके बाद वैदिक मंत्रों के जरिए उसकी शादी करवा देते हैं। शंखधार के मुताबिक ज्यादातर मामलों में लड़कों के घरवाले तो होते हैं पर लड़कियों के घर से कोई नहीं आता था। 2-3 शादियां ही ऐसी थी जिसमें लड़की के परिवार से कोई आया हो।

यहां तक हमने शंखधार द्वारा शादियां करवाने की बात जानी। अब जानते हैं इन शादियों के बाद उनके जीवन में क्या बदलाव आया।

कमलेश तिवारी के साथ मारने की प्लानिंग थी

18 अक्टूबर 2018 को हिन्दू समाज पार्टी के प्रमुख कमलेश तिवारी की लखनऊ में हत्या कर दी गई थी। हत्यारे फेसबुक पर फर्जी आईडी के साथ शंखधार से भी जुड़े थे। शंखधार बताते हैं कि उस दौरान मेरे पास मैसेज आया कि गुरुजी हम लोग कमलेश तिवारी से मिलने जा रहे हैं। रास्ते में आपका भी घर है। आप भी चलिए और मिल लीजिए। मैने कोई काम बताकर उनके साथ जाने से मना कर दिया। अगले ही दिन खबर आई कि कमलेश तिवारी की निर्मम हत्या कर दी गई।

इसके अलावा भी मेरे पीछे अक्सर संदिग्ध लोग नजर आते हैं। कई बार लोग पत्रकार बनकर फोन करते हैं, अपना नाम हिन्दू बताते हैं लेकिन मोबाइल में उनका नाम कुछ और दिखता है। उनकी भाषा भी अलग होती है। इसीलिए मैने सुरक्षा की मांग की है।

नाबालिग की शादी करवाने के मामले में फंसे

शंखधार ने एक शादी नाबालिग मुस्लिम लड़की की भी करवा दी। जिसपर खूब हंगामा हुआ था। शंखधार बताते हैं, लड़की आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और ई-श्रम कार्ड लेकर आई थी। उसमें उसकी उम्र 18 से ज्यादा थी। हमने शादी करवा दी लेकिन बाद में उसके परिवार ने मार्कशीट में नाबालिग का दावा करते हुए शिकायत की जिसके बाद लड़की को बाल सुधार गृह में भेजा गया।

केरल स्टोरी पर क्या स्टैंड है

पंडित शंखधार कहते हैं, केरल स्टोरी मैने नहीं देखी लेकिन जो सुना और फुटेज देखे उससे यही पता चलता है कि जो दिखाया गया वह गलत नहीं है। एक वर्ग संगठित होकर हिन्दू लड़कियों को फंसा रहा है और उन्हें बर्बाद कर रहा है। मैं लड़कियों को सावधान करता हूं।

फिलहाल शंखधार जो कर रहे हैं उसे वह पूरी तरह से सही और कानूनी दायरे में रहकर करने की बात कहते हैं। अब उन्होंने अपने घर को ही आश्रम बना लिया है। घर में ही रहते हैं। कहीं बाहर नहीं जाते। फोन के जरिए लोग आते हैं और डॉक्यूमेंट चेक करने के बाद उनकी शादी करवाते हैं। पुलिस की नजर तो है लेकिन जब लड़के-लड़की राजी होते हैं तो वह भी कुछ नहीं कर पाती।


साभार: भास्कर 


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