सूखे बुंदेलखंड में झांसी में भूजल स्तर में वृद्धि हुई है। पिछले साल की तुलना में इस बार जनपद का भूजल स्तर 1.63 मीटर बढ़ गया है। भूगर्भ जल विभाग द्वारा किए गए प्री मानसून सर्वे में ये खुलासा हुआ है। वैसे तो सभी आठ ब्लॉकों में भूजल स्तर में वृद्धि हुई है मगर बामौर में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है।
भूगर्भ जल विभाग हर साल बारिश से पहले (प्री मानसून) और वर्षा के बाद (पोस्ट मानसून) भूजल स्तर का सर्वे करता है। प्री मानसून सर्वे में भूजल स्तर में कमी या इजाफा पिछले वर्ष हुई बारिश पर निर्भर करता है। झांसी की सालाना सामान्य औसत वर्षा 850 मिलीमीटर है। यहां पिछले नौ सालों से बारिश ने सामान्य औसत वर्षा का आंकड़ा नहीं छुआ है। सिर्फ 2013-14 में ही 1300.8 मिलीमीटर पानी गिरा था। हालांकि, वर्ष 2022-23 में 750.22 मिलीमीटर वर्षा हुई, जो बीते नौ सालों में सबसे अधिक है। इसका असर जनपद के भूजल स्तर पर पड़ा। सोमवार को सामने आई भूगर्भ जल विभाग की प्री मानसून सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक झांसी का भूजल स्तर 1.63 मीटर बढ़ा है। खास बात ये है कि किसी एक नहीं, बल्कि जिले के सभी आठ ब्लॉक में भूजल स्तर सुधरा है। सबसे ज्यादा बामौर में 3.68 मीटर और गुरसराय में 3.03 मीटर इजाफा हुआ है।
ये आया अंतर
ब्लॉक भूजल स्तर बढ़ोतरी
बड़ागांव 5.25 1.06
बबीना 7.75 0.17
बामौर 12.87 3.68
बंगरा 8.46 2.10
चिरगांव 5.85 0.84
गुरसराय 8.74 3.03
मऊरानीपुर 9.75 1.15
मोंठ 4.61 1.18
(नोट: आंकड़े मीटर में हैं। वृद्धि 2022 की तुलना में।)
पिछले वर्ष मानसूनी बारिश अच्छी हुई। इस वजह से जनपद के हर ब्लॉक में भूजल स्तर में वृद्धि हुई है। प्री मानसून यानी इस साल होने वाली मानसूनी बारिश से पहले किए गए सर्वे में ये बात सामने आई है। - मनीष कुमार कनौजिया, सहायक भूभौतिकविद, भूगर्भ जल विभाग।
SOURCE: AMAR UJALA
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