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झांसी में डॉक्टर बता रहे योग के फायदे

झांसी में कई डॉक्टर दवाओं के साथ-साथ मरीजों को योग के कई आसन कराकर उनकी सेहत सुधार रहे हैं। इलाज के दौरान दवा खाने के साथ-साथ योग करके कोई बीपी से उबर गया तो किसी का डिप्रेशन ठीक हो गया। अकेले नंदनपुरा के योगा वेलनेस सेंटर में साल भर में साढ़े पांच हजार से अधिक मरीजों को योग कराया गया है।

                               


योग एक प्राचीन पद्धति है, जो स्वस्थ जीवनशैली के लिए जरूरी है। योग आसन शरीर, मन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। शरीर में लचीलेपन और आत्मविश्वास विकसित करने में भी मददगार हैं। जिला अस्पताल की मनोचिकित्सक डॉ. शिकाफा जाफरीन ने बताया कि वह अपने मरीजों को दवाओं के साथ-साथ योग करने की भी सलाह देती हैं। ओपीडी में आने वाले करीब 20 फीसदी मरीज योग करते भी हैं। 


योग करने वाले मरीज दूसरों की तुलना में जल्दी स्वस्थ अथवा बीमारी से उबर जाते हैं। उन्होंने बताया कि डीप ब्रीथिंग एक्सरसाइज यानी गहरी सांस लेकर व्यायाम करने से तनाव दूर होता है। इससे एंजाइटी, हल्का डिप्रेशन, पैनिक अटैक से राहत मिलती है। श्वासन से अन्रिदा की बीमारी ठीक होने में मदद मिलती है। अनुलोम-विलोम से ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है। वहीं, सूर्य नमस्कार करने से डिप्रेशन ठीक होने में सहायता मिलती है। ओम का उच्चारण करने से घबराहट दूर होती है। एकाग्रता बढ़ती है। सिजोफ्रेनिया के मरीजों को भ्रामरी आसन करने की सलाह देते हैं। इससे एकाग्रता बढ़ती है और सिजोफ्रेनिया रोगियों के कानों में सुनाई देने वाली काल्पनिक आवाजें धीरे-धीरे कम होने लगती है।

दूर होता जोड़ों का दर्द, हड्डियां होती मजबूत

हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. पारस गुप्ता ने बताया कि योग करके हड्डी से जुड़े रोग ठीक करने में भी मददगार है। सेतुबंध आसन से पीठ दर्द ठीक होता है। साथ ही हड्डियां भी मजबूत होती हैं। ताड़ासन और उतकटासन से जांघ और घुटने के जोड़ मजबूत होते हैं। वीरभद्र आसन से घुटने के जोड़ों का दर्द ठीक होने में मदद मिलती है। धनुषासन से पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। उन्होंने बताया कि हर मरीज को वह दवा के साथ योग करने की सलाह देते हैं। इससे कई मरीजों को लाभ हुआ है।

नंदनपुरा के जिला होम्योपैथी अस्पताल में बने योगा वेलनेस सेंटर में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 5647 मरीज ओपीडी में दिखाने के लिए आए। सेंटर में हर मरीज को एक-एक घंटे योग कराया जाता है। फॉलोअप के दौरान पता चला कि किसी मरीज को बीपी, शुगर तो किसी को थायराइड, हार्मोनल समेत अन्य बीमारियों से जल्द ठीक होने में मदद मिली। अब कइयों ने इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना लिया है। - डॉ. पूनम बुधरानी, प्रभारी जिला होम्योपैथी अधिकारी।

SOURCE: AMAR UJALA 

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