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बाँदा की महिलाओं ने क्यों किया आंदोलन?

बांदा, गांव तक सड़क व स्कूल बनवाने की मांग में अड़ी राजाराम पुरवा की महिलाओं का सत्याग्रह आंदोलन रंग लाया। आखिरकार महिलाओं की समस्याओं का समाधान करने प्रशासन को राजाराम पुरवा जाना पड़ा। यहां पहुंच कर प्रशासनिक अधिकारियों ने न सिर्फ़ उनकी समस्याएं सुनी बल्कि सड़क बनवाने का काम शुरू करा दिया। इस आंदोलन को समाप्त कराने में राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती प्रभा गुप्ता का योगदान महत्वपूर्ण रहा।




गांव तक सड़क की मांग को लेकर राजाराम पुरवा की महिलाओं ने सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था। पहले तो प्रशासन ने उनकी मांगों पर तवज्जो नहीं दिया, लेकिन जैसे-जैसे यह आंदोलन बढता गया वैसे ही प्रशासन को अन्ततः महिलाओं की मांगों को मानना पड़ा। राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती प्रभा गुप्ता, जिला विकास अधिकारी रमाशंकर सिंह, खंड विकास अधिकारी राजेश कुमार तिवारी व समाजसेवी राजा भैया सोमवार को मौके पर पहुंचकर महिलाओं की समस्याओं का समाधान करा कर अनशन समाप्त करा दिया। अनशन समाप्त होने के बाद कुछबंधिया समुदाय के लोगों ने जमीन में बैठा कर सभी को भोजन कराया। सहयोग के लिए सभी धन्यवाद दिया।

बताते चलें कि राजाराम पुरवा में अधिकतर परिवार दलित व कुछबंधिया समुदाय के रहते हैं। गांव में समस्याओं का अंबार है, गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। विद्यालय नहीं है, पेंशन, आवास, रोजगार के लिए गांव के लोग वर्षों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। 2 वर्ष पहले जिन मजदूरों ने मनरेगा में काम किया था उन्हें मजदूरी का एक धेला नहीं मिला। इन्हीं समस्याओं को लेकर गांव की महिलाएं पिछले कई दिनों से गांव में सत्याग्रह कर रही थी। 

सत्याग्रह में बैठी महिलाओं ने दो दिन पहले घोषणा की थी कि यदि हमारी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो हम गांव खाली कर देंगे और सामूहिक आत्महत्या कर लेंगी। यह खबरें मीडिया की सुर्खियां बनी, इसके बाद प्रशासन ने इस प्रकरण को गंभीरता से लिया। तब राज्य महिला आयोग की सदस्य प्रभा गुप्ता ने महिलाओं से बात कर समस्याओं का समाधान तत्काल कराने का आश्वासन दिया था।

24 जून को जिला विकास अधिकारी रमाशंकर सिंह, खंड विकास अधिकारी राजेश कुमार तिवारी, पंचायत सचिव प्रमोद द्विवेदी गांव पहुंचे थे। उन्होंने महिलाओं से वार्ता कर उनकी मांगों को स्वीकार कर तत्काल समाधान का आश्वासन दिया था। अधिकारियों के आश्वासन पर महिलाओं ने कहा था कि हमारा भरोसा आश्वासन पर नहीं एक्शन पर है। आप काम कराना प्रारंभ करिए, हम अनशन समाप्त कर देंगे। इस पर प्रशासन ने 25 जून से ही सड़क का काम प्रारंभ करा दिया। मौके पर 24 लोगों के जॉब कार्ड बनाए गए हैं। राशन कार्ड के आवेदन भी भरे गए। मनरेगा की शेष पड़ी मजदूरी के भुगतान को जिला विकास अधिकारी ने सचिव ग्राम पंचायत को तत्काल आदेश दिया है। अधिकारियों द्वारा विद्यालय भवन का भी आश्वासन दिया गया है। 24 व 25 जून के अधिकारियों के पहल के बाद आज 26 जून को सत्याग्रह समाप्त हो गया। इस अवसर पर चिंगारी संगठन की संयोजिका मोबीना,पूर्व प्रधान विजय बहादुर, अफसाना ,अर्चना, सुनैना सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

साभार : बुंदेलखंड न्यूज़ 

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