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झांसी में खुलेगी बुंदेलखंड की पहली ऑर्गेनिक टेस्टिंग लैब

झांसी में खुलेगी बुंदेलखंड की पहली ऑर्गेनिक टेस्टिंग लैब  


झांसी में बुंदेलखंड की पहली ऑर्गेनिक टेस्टिंग लैब खुलने जा रही है। इसकी स्थापना ग्वालियर रोड स्थित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में होगी। यहां पर कोई भी किसान अपने ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों की जांच करा सकेगा।

अगर खाद्य पदार्थ ऑर्गेनिक होने के सभी मानकों पर खरे उतरे तो उनको सर्टिफिकेट दिया जाएगा। जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता होगी और किसानों को इसका अच्छा फायदा मिलेगा। वह अपने ऑर्गेनिक उत्पाद का बाजार में अच्छा मूल्य हासिल कर सकेंगे।

ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों की बढ़ रही है मांग

बुंदेलखंड के कई हिस्सों में अब भी ऑर्गेनिक तरीके से खेती होती है। इस क्षेत्र को गोबर से खेती करने का हब माना जाता है। पिछले कुछ सालों से बाजार में ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों की मांग लगातार बढ़ रही है। इनकी कीमत भी अच्छी मिलती है। इसी का फायदा उठाकर तमाम लोग अपने सामान्य खाद्य पदार्थों को भी ऑर्गेनिक बताकर बेच देते हैं। लेकिन अब लैब के स्थापित होने से नकली ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों की बिक्री पर लगाम लगेगी।

लोग बेहिचक खरीद सकेंगे उत्पाद

केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से झांसी कृषि विश्वविद्यालय में ऑर्गेनिक टेस्टिंग लैब स्थापित की जा रही है। जांच के बाद खाद्य पदार्थों के ऑर्गेनिक होने का लैब प्रमाण पत्र भी जारी किया जाएगा, जिसकी मान्यता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी।

बुंदेलखंड में तमाम किसान ऑर्गेनिक तरीके से खेती करते हैं। इस लैब से सीधे तौर पर उन्हें फायदा होगा। क्योंकि उनके पास अब तक उत्पाद की प्रमाणिकता का कोई सबूत नहीं होता है। लेकिन अब लैब में जांच के बाद उनको सर्टिफिकेट मिलेगा। इसकी बदौलत वे अपने उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक बेच सकेंगे।

बड़े पैमाने पर होती है ऑर्गेनिक खेती

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि बुंदेलखंड में बड़े पैमाने पर आज भी ऑर्गेनिक खेती होती है। कोई सर्टिफिकेट न होने से किसानों को इसका फायदा नहीं मिल पाता था। अब विश्वविद्यालय में लैब खुलने के बाद किसान अपने उत्पाद की जांच करा सकेंगे। अगर उनके उत्पाद ऑर्गेनिक मानकों पर खरे उतरे तो सर्टिफिकेट दिया जाएगा।



साभार: दैनिक भास्कर 

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