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MP Chunav 2023: कांग्रेस के सीटों पर बदलाव

एमपी विधानसभा चुनाव: एमपी में कांग्रेस विधानसभा की कुछ सीटों पर उम्मीदवार बदल सकती है। पार्टी यह कदम इसलिए उठा सकती है कि इन सीटों पर विरोध के स्वर थम नहीं रहे हैं। पार्टी पहले नाराज लोगों को मनाने में जुटी है, अगर इसमें सफलता नहीं मिलती है तो उम्मीदवार बदलने पर फैसला होगा।

Bundelkhand news


मध्य प्रदेश (Bundelkhand) विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की लगभग सभी सीटों पर उम्मीदवार तय हो गए हैं। मगर विरोध- प्रदर्शन और कुछ उम्मीदवारों की नाराजगी के चलते कुछ स्थानों पर उम्मीदवार बदलने को लेकर कांग्रेस के भीतर मंथन चल रहा है। इन सीटों पर टिकट के दावेदार जबरदस्त विरोध कर रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस सभी सीटों पर उम्मीदवार तय कर चुकी है। इसके बाद विरोध के स्वर तेज हो गए हैं।


दरअसल, राज्य में विधानसभा चुनाव की 230 सीटों के लिए कांग्रेस उम्मीदवार तय कर चुकी है, जिन उम्मीदवारों को अभी तक तय किया गया है, उनको लेकर ही पार्टी के भीतर सवाल उठ रहे हैं। यहां तक कहा जा रहा है कि सर्वे के नाम पर मनमानी की गई है। राज्य की 50 सीटें एसी हैं, जहां कांग्रेस के नेताओं में नाराजगी चल रही है और यही बात पार्टी के लिए चिंता का सबक बनी हुई है।


पार्टी के अंदरूनी हालात पर चर्चा करें तो एक बात साफ नजर आ रही है कि कई स्थान ऐसे हैं, जिनमें पिछोर और शिवपुरी की चर्चा सबसे ऊपर है, जहां पार्टी ने अपनी योजना के तहत उम्मीदवार तय किए। मगर जमीनी स्तर से जो फीडबैक मिला है, वह भी पार्टी के लिए खुश करने वाला नहीं है। यही कारण है कि इन दोनों स्थानों पर उम्मीदवार बदलने को लेकर मंथन चल रहा है। इसके अलावा भी कई स्थान ऐसे हैं, जहां पार्टी उम्मीदवार बदलने पर विचार कर रही है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मानें तो उन्हें पार्टी ने असंतुष्टों से बातचीत करने के लिए कहा है। वह ऐसे कार्यकर्ताओं से बातचीत करने के लिए तैयार हैं जो नाराज हैं या असंतुष्ट हैं। उसके बाद प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला से बात होगी और वस्तु स्थिति से कमलनाथ को अवगत कराया जाएगा।


पार्टी ने आपसी समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सौंप रखी है। वह ऐसे लोगों से लगातार बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं जो पार्टी के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर रहे हैं। दिग्विजय सिंह का कहना है कि सर्वे के आधार पर 90 फ़ीसदी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है, सभी कार्यकर्ता और नेताओं को उम्मीदवार नहीं हाथ के पंजे के लिए काम करना चाहिए।

आमला सीट की भी चर्चा

वहीं, बैतूल जिले (District Of Bundelkhand) की आमला सीट को कांग्रेस ने अधिकारी निशा बांगरे के लिए रोक रखी थी। उनके इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं होने के बाद कांग्रेस ने उम्मीदवार की घोषणा कर दी थी। निशा बांगरे का इस्तीफा मंजूर होने के बाद कांग्रेस आमला से उम्मीदवार बदल सकती है। हालांकि पूर्व से घोषित उम्मीदवार का कहना है कि उन्हें अभी तक इसकी कोई जानकारी नहीं है।

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