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Sagar News: चुनावी सीजन में बढ़ी बांस की मांग, मंडला, बालाघाट और छत्तीसगढ़ से हो रही आपूर्ति

 Sagar News: चुनावी सीजन में बढ़ी बांस की मांग, मंडला, बालाघाट और छत्तीसगढ़ से हो रही आपूर्ति

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चुनावी सीजन में झंडे में लगाने वाले डंडे की कमी हो गई है। ऐसे में बांस की मांग में बढ़ोतरी हुई है।

Sagar News:विधानसभा चुनाव में झंडे के लिए लगने वाले डंडे की कीमत भी बढ़ गई है। आलम यह है कि झंडे में डंडे का काम करने वाले बांस की कमी हो गई है। वहीं मांग के साथ ही बांस की कीमत में भी उछाल आ गया है। पहले जहां साढ़े तीन फीट के एक बांस के कमटी की कीमत ढाई रुपये थी, वह अब अब साढ़े तीन रुपये में मिल रही है। बांस की कीमत में करीब 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

हर महीने जहां सागर में एक या दो ट्रक बांस की मांग थी, वहीं चुनाव के चलते अब तक 10 ट्रक बांस की खपत हो चुकी है। एक विधानसभा में एक दल करीब 40 हजार झंडे लगवाता है।

दरअसल सागर में बांस का सबसे ज्यादा उपयोग मकान निर्माण के दौरान किया जाता है। इसमें 10 फीट से ऊंचे बांस की जरूरत होती है। इसके बाद सजावट आदि के कार्यों में भी बांस की मांग होती है। विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा प्रचार-प्रसार के लिए पार्टी के झंडे में लगाने के लिए बांस के डंडे का उपयोग हो रहा है। सागर में बांस की आपूर्ति बालाघाट, मंडला और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से होती है।

जिले के जंगलों में बांस के पेड़ों की बात करें तो यहां पर कम संख्या में बांस के पेड़ पाए जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बांस के पेड़ जरूर लगाते हैं। एक ट्रक बांस की बात करें तो छोटे और पतले साइज के बांस एक ट्रक में करीब 10 हजार नग आते हैं, जबकि बड़े बांस करीब सात सौ ही लोड हो पाते हैं।

एक ट्रक बांस की कीमत करीब डेढ़ लाख रुपये होती है। सागर शहर के भगवानगंज, मोतीनगर और मकरोनिया में करीब आधा दर्जन स्थानों पर ही बांस की बिक्री होती है। बांस का थोक व्यवसाय करने वाले भगवानगंज के व्यापारी अनिल कुमार ने बताया कि सामान्य दिनों में सागर में हर महीने करीब डेढ़ ट्रक बांस की बिक्री होती है। लेकिन चुनावी सीजन में यह मांग बढ़ गई है। अब तक 10 ट्रक बांस सागर में आ चुके हैं। सागर विधानसभा के शहर और मकरोनिया में ही एक लाख से अधिक झंडे लगे हुए हैं। शहर की शायद ही कोई ऐसा मकान, दुकान या निजी संपत्ति हो जहां कम से कम तीन झंडे न लगे हों।

बाहर से मंगवाया

बड़े दल के कई प्रत्याशियों ने सागर के बजाय बाहर से बांस मंगवा लिया है। कुछ ने मंडला, बालाघाट से तो किसी ने दिल्ली तक से बांस मंगवाएं हैं। वर्षो से चुनाव लड़ते-लड़ते प्रत्याशियों को यह पता चल गया है कि कहां से कितनी संख्या में किफायती दर पर बांस मिलेंगे। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के कई प्रत्याशी लोकल बांस के भरोसे ही अपना प्रचार निपटा रहे हैं।

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