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छतरपुर के 16 गांव में हुई कैंसर की जांच, मिले चार कैंसर के मरीज

कैंसर को लेकर जागरुकता और जांच की मुहिम के तहत डॉ. श्वेता गर्ग 16 नए गांवों में गई। उन्होंने ग्राम खोंप, सरानी, मोरबा, हमा कलानी, पिड़पा, वरद्वाहा, श्यामरा, बारी, निवारी, कर्रई, खबरी, रिक्शापुरवा ,दिलनिया और कुर्राहा में शिविर लगाकर ग्रामीण पुरुषों, महिलाओं की जांच की और उन्हें बीमारी के लक्षण, बचाव और इलाज के संबंध में जागरुक किया। शिविर में जांच के दौरान ग्राम बारी में कैंसर के दो मरीजों की पहचान हुई। 50 वर्ष के मरीज में गाल का कैंसर और 40 वर्ष के मरीज के जीभ का कैंसर का पता चला है। इसी तरह ग्राम पिड़पा में 35 वर्षीय मरीज और ग्राम वरद्वाहा में 43 वर्ष महिला में सर्वाइकल कैंसर की पहचान हुई है। डॉ.गर्ग ने चिंहित हुए मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत शासकीय कैंसर अस्पताल से इलाज कराने की सलाह देते हुए उन्हें इलाज कराने के लिए प्रेरित भी किया।

                      


डॉ. श्वेता गर्ग का कहना है कैंसर की समय से पहचान ही सबसे जरूरी है। शरीर में कोई भी असाधारण लक्षण दिखे तो अलर्ट हो जाना चाहिेए। शरीर में गांठ हो तो उसे तुरंत जिला अस्पताल जाकर चेक कराएं। जिला अस्पताल में कैंसर की जांच हो रही है। समय से मर्ज का पता चलेगा तो इलाज संभव है।

राजस्व व वन क्षेत्र के 59 साल पुराने विवाद, 20 से ज्यादा गांव के लोगों को मिलेगी राहत

छतरपुर. राजस्व व वन विभाग के नक्शे व रिकॉर्ड में अंतर समेत अन्य कारणों से वन भूमि के विवाद के चलते ग्रामीण अपनी ही भूमि पर खेती नहीं कर पा रहे हैं। कृषि पर आधारित ग्रामीण खेती न कर पाने से आर्थिक परेशानी कई वर्षो से झेल रहे हैं। लेकिन अब ऐसे ग्रामीणों को राहत मिलेगी। शासन के निर्देश पर लवकुशनगर एसडीएम देवेंद्र चौधरी ने इसकी पहल करते हुए राजस्व व वन भूमि विवादों को निपटाने की कवायद शुरू कर दी है।

20 से अधिक गांव के रहवासियों को मिलेगी राहत

लवकुशनगर में राजस्व और वनविभाग की सीमाक्षेत्र में उलझे गांवों की फाइलों को एसडीएम देवेंद्र चौधरी ने खुलवा दिया है। किस गांव में क्या हालात हैं इसे लेकर तहसील कार्यालय में आरआई पटवारियों के साथ बीते दिनों बैठक कर समस्या समाधान की रणनीति बनाई गई है। 20 से अधिक गांवों में राजस्व व वन विभाग के बीच सीमा क्षेत्र को लेकर बीते 59 वर्षों से विवाद चला आ रहा है राजस्व व वन विभाग सीमा क्षेत्र को लेकर 1965 के मामले पेंडिंग फाइलें तैयार हुई पर सारे मामलों का निराकरण नही हो सका। ऐसी सभी फाइलों को एक बार फिर से तलब किया गया है। सरकार के निर्देश के बाद लवकुशनगर एसडीएम देवेंद्र चौधरी ने विशेष पहल शुरू की है। राजस्व अनुविभाग के झूमरहार, गुढ़ाकला, सिलपतपुरा, लक्ष्मनपुरा, केशरीपुरा, हड़ुआ, कटहरा, प्रतापपुरा, भितारिया, पिपरी, सिध्दपुर, बम्होरी पुरवा सहित अन्य गांव शामिल है इन गांवों के ज्यादातर ग्रामीण सीमा विवाद को लेकर खेती नही कर पा रहे है।

प्राकृतिक सीमा से सुलझेंगे विवाद

वन और राजस्व विभागों के बीच बने सीमा क्षेत्र के विवाद को सुलझाने राजस्व विभाग प्राकृतिक सीमा क्षेत्र जैसे पहाड़ व नदियों को सीमा क्षेत्र मानकर विवाद को सुलझाएंगे। शासन से निर्देश प्राप्त हुए है कि वन विभाग व राजस्व सीमा को लेकर विवाद निराकरण करने है, इसलिए अब प्राकृतिक सीमा के आधार पर नाप करके विवाद सुझलाने का रास्ता निकाला गया है।

इनका कहना है

राजस्व व वन विभाग की सीमा विवाद के मामले शासन के निर्देशानुसार सुलझाए जा रहे हैं। प्रक्रिया शुरू कर दी है, दोनों विभाग की संयुक्त टीमें इस पर काम कर रही हैं।

साभार : पत्रिका 








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