देशभर के अलग-अलग राज्यों की तेरह विधानसभा सीटों पर बुधवार यानी 10 जुलाई को उपचुनाव होना है. जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से कुछ सीटें तो लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई हैं. दरअसल, कई विधायकों ने संसदीय चुनाव में हिस्सा लेने के लिए विधायकी छोड़ी थी, लिहाजा वह विधानसभा सीटें खाली हो गई हैं. वहीं, कुछ विधायकों के निधन के बाद विधानसभा सीट खाली हुई है, जिसके बाद नए विधायकों को चुनने के लिए उपचुनाव कराया जा रहा है.
बिहार में लोकसभा चुनाव में एनडीए की जबरदस्त जीत के बाद एक बार फिर से चुनावी मैदान में एनडीए और महागठबंधन आमने-सामने है.
पश्चिम बंगाल में चार विधानसभा सीटों मानिकतला, रायगंज, राणाघाट दक्षिण और बगदाह पर उपचुनाव होना है. इन चार सीटों में से तीन के भाजपा विधायक सत्तारूढ़ टीएमसी में शामिल हो गए थे और हाल ही में खत्म हुए लोकसभा चुनाव लड़े थे, हालांकि उन्हें चुनावों में हार मिली. रायगंज विधानसभा सीट पर टीएमसी उम्मीदवार कृष्ण कल्याणी हैं और उन्हें भाजपा उम्मीदवार मानस कुमार घोष टक्कर दे रहे हैं. बागदाह विधानसभा सीट पर टीएमसी से मधुपर्णा, बीजेपी से बिनय कुमार विश्वास उतारे गए हैं. राणाघाट दक्षिण से मुकुट मणि अधिकारी को टीएमसी ने उतारा है. उनका मुकाबला भाजपा के मनोज कुमार विश्वास से होगा.
हिमाचल प्रदेश में देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इन तीन सीटों पर निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे के बाद ये सीटें खाली हो गई.
उपचुनाव की इस लिस्ट में मध्य प्रदेश का भी नाम है.अमरवाड़ा में मुख्य मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी कमलेश शाह और कांग्रेस प्रत्याशी धीरन शाह इनवाती के बीच है.
उत्तराखंड में दो सीटों पर उपचुनाव हैं. पौड़ी गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र की 14 सीटों में से एक बद्रीनाथ विधानसभा सीट कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के मार्च में इस्तीफा देने और उसके बाद भाजपा में शामिल होने के बाद खाली हुई थी. इसके अलावा मंगलौर सीट पर भी वोट पड़ेंगे.निर्दलीय उम्मीदवार सादिया जैदी और विजय कुमार कश्यप भी मैदान में हैं.
वहीं, तमिलनाडु की विक्रवंदी विधानसभा सीट का उपचुनाव युद्ध स्तर पर लड़ा जा रहा है. यहां डीएमके इस सीट पर जीत के लिए जी-जान से जुटी है तो वहीं एनडीए की सहयोगी पीएमके भी डटकर सामना कर रही है.
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