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Jhansi : अब सेंसर करेगा ड्राइविंग टेस्ट में फ़ैल या पास, गलती करने वालों का होगा लाइसेंस रद्द!

Jhansi News: अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए होने वाले टेस्ट में धांधली की गुंजाइश नहीं रहेगी। आईटीआई स्थित ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में बने ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर 3 महीने के अंदर सेंसर लगा दिए जाएंगे। ट्रैक पर लगने वाले सेंसर ही ड्राइविंग टेस्ट देने आए आवेदकों को फेल और पास करेंगे।


यह सेंसर लगाने के लिए निजी कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। विभाग इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है।

ऑटोमेटिक होगा टेस्ट:

ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में बने ट्रैक पर सेंसर लगने के बाद ड्राइविंग टेस्ट ऑटोमेटिक हो जाएगा। आवेदकों को ड्राइविंग टेस्ट के दौरान हिल, रोड साइड पार्किंग, आठ बनाना, एस बनाना, एच बनाना, रिवर्स आदि के लिए सेंसर युक्त ट्रैक पर टेस्ट देना होगा। सभी टेस्ट सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने के बाद ही आवेदकों का ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसमें चूक होने पर आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा। यदि कोई अभ्यर्थी फेल होता है तो वह 7 दिन बाद फॉर्म भरकर दोबारा टेस्ट दे सकता है।

पारदर्शिता आएगी:

इस पूरी प्रक्रिया से टेस्ट में पारदर्शिता आएगी और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो पाएगी। आवेदक को पास या फेल होने की लाइव जानकारी मिलेगी।

आरटीओ ने क्या कहा:

आरटीओ प्रभात पांडेय ने कहा, “ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में जल्द ही कैमरे और सेंसर की निगरानी में ड्राइविंग टेस्ट लिया जाएगा। अभी तक यह कार्य मैनुअली होता था।”

आधुनिक होगा ट्रैक:

ड्राइविंग टेस्ट देने वाले की ऑनलाइन रिकॉर्डिंग की जाएगी।

टेस्टिंग के सारे विवरण का प्रिंटआउट लिया जाएगा।

ट्रैक में जगह-जगह सेंसर लगेंगे। चालक गलती करेगा तो लाल बत्ती जलने लगेगी।

ट्रैक पर पहुंचते ही वीडियोग्राफी होने लगेगी।

कैमरा करेगा निगरानी:

ऑटोमेशन के बाद कैमरा और सेंसर चालक की हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखेगा। गलतियों पर अंक काटे जाएंगे। वाहन की कैटेगरी के अनुसार कुछ अनिवार्य मानक तय किए जाएंगे। जिनका पालन करने पर ही आवेदक टेस्ट में पास हो सकेगा।

70 फीसदी मार्क्स जरूरी:

ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए इस सेंसर की रिपोर्ट में 70 प्रतिशत तक मार्क्स लाना अनिवार्य रहेगा।

यह-यह बताएगा सेंसर:

गाड़ी की किस स्पीड पर वाहन किस गियर पर रहा।

लेफ्ट टर्न व राइट टर्न पर गाड़ी किस तरह से मोड़ी गई। इंडिकेटर दिया गया कि नहीं।

चढ़ाई आने पर वाहन किस तरह से चढ़ा। ब्रेक लगाने की जरूरत पड़ी की नहीं।

ढाल पर वाहन किस तरह से उतारा गया। अचानक ब्रेक तो नहीं लगाना पड़ा।

इन सभी स्थितियों में वाहन की स्पीड कितनी रही।


साभार : पत्रिका 


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