यूपी की Yogi Govt ने प्राकृतिक खेती को विस्तार देने के साथ खेती की इस विधा के प्रति देश दुनिया को जागरूक करने की तैयारी कर ली है. यूपी सरकार ने बुंदेलखंड में Natural Farming के लिए मुफीद हालात को देखते हुए इस इलाके को प्रयोगशाला के तौर पर इस्तेमाल करने का फैसला किया है.
यूपी के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने बताया कि लखनऊ में 19 जुलाई को यूपी सरकार की मेजबानी में आयोजित होने वाले Regional Advisory Conference में यूपी समेत 12 राज्यों के 500 प्रतिनिधि शिरकत करेंगे. इसके बाद अयोध्या में राज्य स्तरीय Natural Farming Workshop का आयोजन किया जाएगा.
शाही ने कहा कि इसके तहत योगी सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए झांसी स्थित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और बांदा कृषि विश्वविद्यालय में प्राकृतिक खेती की Ultramodern Lab लैब स्थापित करने के लिए स्वीकृति प्रदान की है. उन्होंने बताया कि International Standard को पूरा करने वाली इस लैब में Testing Process अगले साल के अंत तक शुरू हो जाएगी.
शाही ने बताया कि इस कार्य योजना के तहत राज्य सरकार ने किसानों और कृषि वैज्ञानिकों को एक मंच पर लाने के लिए 19 जुलाई को लखनऊ में क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम का आयोजन किया है. उन्होंने बताया कि यूपी की मेजबानी में आयोजित हो रहे इस सम्मेलन में यूपी सहित 12 राज्यों राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, झारखंड, उत्तराखंड, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, बिहार, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख एवं चंडीगढ़ के लगभग 500 प्रतिनिधि अपने अनुभव एवं विशेषज्ञताओं को साझा करेंगे.
शाही ने बताया कि इसके अगले चरण में यूपी सरकार ने 20 जुलाई को अयोध्या में प्राकृतिक खेती पर State Level Workshop का आयोजन किया है
शाही ने कहा कि इस सम्मेलन में 19 और 20 जुलाई को 'अमृत काल के भारत में स्वास्थ्य एवं आहार परंपरा' पर चर्चा होगी. कृषि मंत्री ने बताया कि इसमें श्री अन्न के आहार से स्वास्थ्य किस प्रकार से बेहतर होता है, इस पर भी चर्चा होगी. इस दौरान कर्नाटक के कृषि वैज्ञानिक पद्मश्री खादर वली के शोध पर भी चर्चा होगी. इस सम्मेलन में कृषि वैज्ञानिक, Millets Farming करने वाले किसान, एफपीओ और Food Processors भी शामिल होंगे. इसी कड़ी में श्री अन्न को लेकर 26 जुलाई को बांदा कृषि विश्वविद्यालय में भी एक कार्यशाला आयोजित होगी.
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